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बिजनेस

स्पाइस मोबिलिटी के शेयर 20 फीसदी उछले

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 स्पाइस मोबिलिटी लिमिटेड के शेयर सोमवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में 20 फीसदी की ऊपरी सर्किट सीमा 26.40 रुपये पर जा लगे। कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी गई सूचना में बताया है कि उसके बोर्ड की एक बैठक दो जनवरी 2015 को होगी, जिसमें अन्य बातों के अलावा कंपनी के प्रमोटर ‘स्मार्ट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड’ के स्वैच्छिक डीलिस्टिंग प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।

प्रमोटर ने स्वेच्छा से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई से अपने शेयर डीलिस्ट करने का प्रस्ताव रखा है।

30 सितंबर, 2014 तक की स्थिति के मुताबिक कंपनी में स्मार्ट वेंचर्स की हिस्सेदारी 74.36 फीसदी है। महेश प्रसाद-इंडिपेंडेंट नॉन प्रमोटर ट्रस्ट की हिस्सेदारी 20.72 फीसदी है। आम निवेशक की हिस्सेदारी 2.83 फीसदी तथा बॉडीज कॉरपोरेट की हिस्सेदारी 1.44 फीसदी है।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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