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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरिया : आईएस ने अब तक 1,434 को मौत के घाट उतारा

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बेरुत| आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) सीरिया और इराक में जून महीने में इस्लामी खलीफा के नियंत्रण की घोषणा के बाद से अपने नियंत्रण वाले सीरियाई क्षेत्रों में कम से कम 1,434 लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। सीरियाई मानवाधिकार पर्यवेक्षक संस्था (एसओएचआर) के निदेशक रमी अब्दुर्रहमान ने समाचार एजेंसी एफे को यह जानकारी दी।

अब्दुर्रहमान ने सोमवार को टेलीफोन पर हुई एक बातचीत में बताया कि आईएस द्वारा मारे गए लोगों में से 884 आम नागरिक थे और उनमें से भी लगभग 700 अल-शैतत जनजाति के थे, जो कि उत्तरपूर्वी प्रांत दीर अल-जोर में आईएस के खिलाफ मुकाबला कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों ने लोगों को गोलियों से भून डाला या फिर उनका सिर कलम कर दिया।

उन्होंने कहा कि चरमपंथी जिहादी आतंकवादियों ने आम नागरिकों के अलावा, सीरियाई शासन के लिए लड़ रहे 483 सैनिकों और सीरिया में अलकायदा से जुड़े प्रतिद्वंद्वी समूह नुसरा फ्रंट के 63 सदस्यों की भी हत्या की।

अब्दुर्रहमान ने बताया कि लोगों में आतंक और खौफ पैदा करने और गुट के प्रति विरोध का दमन करने के लिए आतंकवादियों ने सार्वजनिक स्थानों और चौराहों पर लोगों को मारकर टांग दिया।

एसओएचआर ने बताया कि हत्या की घटनाएं 29 जून को आईएस द्वारा खलीफा के शासन की घोषणा किए जाने के बाद हुई हैं।

अबदुर्रहमान ने बताया कि इन आतंकवादियों का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भयभीत करना और संभावित जिहादियों को अपनी ओर आकर्षित करना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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