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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरियाई शहर पल्माइरा पर आईएस का कब्जा

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बेरुत| सीरिया के प्राचीन शहर पल्माइरा पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकवादियों ने बुधवार को कब्जा कर लिया। यह शहर यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है। समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार, सीरिया के प्राचीन धरोहरों की देखभाल से संबंधित विभाग के प्रमुख मामून अब्दुल करीम ने पल्माइमरा पर आईएस के कब्जा कर लेने की पुष्टि करते हुए इसे न केवल सीरियाई नागरिकों, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक तबाही बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण यहां के करीब 2,000 साल पुराने प्रसिद्ध भग्नावशेषों को आईएस से खतरा उत्पन्न हो गया है।

हालांकि शहर के दक्षिण-पश्चिम इलाके में स्थित रोमन काल के इस पुराताžिवक स्थल से प्रशासन आईएस आतंकवादियों के यहां पहुंचने से पहले करीब 100 मूर्तियां हटा लेने में सफल रहा।

करीम ने बताया कि हालांकि पल्माइरा से सुरक्षा बलों को हटा लिया गया है, लेकिन सेना के कुछ जवान और आईएस विरोधी लड़ाके अब भी वहां बने हुए हैं।

सरकारी टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, सीरियाई सुरक्षा बल अब भी इस शहर को अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहे हैं। आतंकवादियों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए जा रहे हैं।

आईएस आतंकवादी बुधवार अल सुबह उत्तर की ओर से पल्माइरा में दाखिल हुए। तीन दिन पहले ही सेना ने उन्हें खदेड़ बाहर किया था।

यह शहर न केवल पुराताžिवक दृष्टि से बल्कि रणनीतिक दृष्टि से भी होम्स प्रांत में एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह पहली और दूसरी शताब्दी में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र हुआ करता था। सीरिया में मार्च 2011 में गृहयुद्ध शुरू होने से पहले पल्माइरा भग्नावशेष देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक था।

इधर, यूनेस्को की महानिदेशक इरिना बोकोवा ने बुधवार को संघर्ष विराम की अपील की। उन्होंने एक बयान में कहा, “पल्माइरा के हालात से मैं बहुत चिंतित हूं। यह संघर्ष मध्य-पूर्व के महत्वूपर्ण स्थलों में से एक और यहां की जनता के लिए खतरनाक है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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