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अन्तर्राष्ट्रीय

सऊदी अरब में हाथ काटने की घटना की भारत ने की निंदा

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नई दिल्ली | सऊदी अरब में एक नियोक्ता द्वारा अपने यहां काम करने वाली एक भारतीय घरेलू सहायिका का हाथ काटने की घटना को भारत ने अस्वीकार्य करार देते हुए कहा कि वह भारतीय महिला के लिए न्याय की मांग करेगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा सऊदी अरब में एक भारतीय महिला से जिस तरह का व्यवहार किया गया |उससे हम बेहद आहत हैं।

उन्होंने कहा यह अस्वीकार्य है। हम इस मुद्दे को सऊदी अरब के अधिकारियों के समक्ष उठाएंगे। हमारा दूतावास पीड़िता से संपर्क में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि रियाद में भारतीय मिशन ने अस्पताल में कस्तूरी मणिरत्नम से मुलाकात की जहां उसकी हालत फिलहाल स्थिर है।

उन्होंने कहा रियाद में हमारा मिशन मुद्दे को मजबूती से सऊदी अधिकारियों के समक्ष उठाएगा। हमने मुद्दे को सात अक्टूबर को विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया और इसके लिए जिम्मेदार मामले में कड़ी कार्रवाई करने व नियोक्ता को कड़ी सजा देने की मांग की। भारतीय मिशन के अधिकारियों ने पुलिस थाने के प्रमुख व जांच अधिकारी से मुलाकात की और बिना किसी विलंब के महिला का बयान लेने घटना की स्वतंत्र जांच कराने व सऊदी अरब के नागरिक (नियोक्ता) के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने का निवेदन किया।

मंत्री ने कहा सऊदी के नियोक्ता को उसके इलाज का खर्च देना चाहिए। पुलिस ने भारतीय अधिकारियों को तेजी से व निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु में वेल्लोर के काटपाडी के निकट मुंगीलेरी गांव की निवासी मणिरत्नम ने सऊदी सरकार के पास अपने सऊदी नियोक्ता पर दुर्व्यवहार करने व ढंग से खाना न देने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस घटना के बाद नियोक्ता ने उस पर हमला किया। उसने कथित तौर पर घर से भागने की कोशिश की, जहां वह पकड़ी गई, जिसके बाद उसके हाथ काट डाले गए। मणिरत्नम वर्तमान में रियाद के किंगडम अस्पताल में भर्ती है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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