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संसद में नोटबंदी विधेयक पेश, तृणमूल ने जताया विरोध

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parliament hungamaनई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को आधिकारिक रूप से बंद करने के लिए लोकसभा में नोटबंदी विधेयक पेश किया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद लगातार विरोध कर रहे थे। विनिर्दिष्ट बैंक नोट (देनदारियों की समाप्ति) विधेयक, 2017 नोटबंदी के संबंध में दिसंबर 2016 में जारी सरकारी अध्यादेश की जगह लेगा।

विधेयक के तहत निर्दिष्ट बैंक नोट, जो कानूनी निविदा नहीं रह गए हैं, ‘भारतीय रिजर्व बैंक की देयता नहीं रहेगा’। यह विधेयक 31 दिसंबर, 2016 के बाद ‘निर्दिष्ट बैंक नोट’ को रखने, लेनदेन करने पर प्रतिबंध लगाता है। विधेयक के अनुसार, कोई व्यक्ति 10 से ज्यादा पुराने नोट नहीं रख सकता है, चाहे वह किसी भी मूल्य का हो। वहीं, अध्ययन या अनुसंधान के उद्देश्य के लिए है 25 नोट रखा जा सकता है।

इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 10,000 रुपये या पुरानी पकड़ी गई मुद्रा का पांच गुणा दोनों में से जो भी ज्यादा हो, का जुर्माना लगाया जाएगा। जैसे ही वित्तमंत्री विधेयक को पेश करने के लिए खड़े हुए, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने उनका विरोध किया। उन्होंने इस विधेयक को ‘अवैध’ बताया।

सदन में इसे लेकर जुबानी जंग भी हुई। जेटली और तृणमूल कांग्रेस के नेता ने इस मुद्दे को लेकर एक दूसरे पर हमला बोला। राय ने कहा कि वह जेटली के ‘बोलने के अधिकार’ पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “उन्हें राज्यसभा में जाना चाहिए और बोलना चाहिए।” इसके जवाब में मंत्री ने सदस्य के विधेयक के विरोध के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा, “उनकी आपत्ति विधायी क्षमता से कुछ अलग है। उनकी आपत्ति है कि यह एक अच्छा विधेयक नहीं है।”

नाराज रॉय ने कहा, “जेटली इस सदन के सदस्य तक नहीं हैं। उन्हें सदन के नियमों के बारे में पता नहीं है।” संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने जेटली का बचाव किया और कहा, “जेटली एक उत्कृष्ट सांसद रहे हैं, उन्हें बेहतर सांसद भी घोषित किया गया है। उन्हें दोनों सदनों की अच्छी जानकारी है।”

राय ने तब कहा कि विधायी सक्षमता का सवाल बाद में उठाया जाएगा कि क्या किसी सदस्य को एक विधेयक पेश किए जाने पर आपत्ति का अधिकार है। रॉय ने कहा, “यह विधेयक वास्तविक रूप से अवैध है, क्योंकि प्रधानमंत्री का नोटबंदी पर मूलभूत बयान बिना किसी अधिसूचना के अवैध रूप से आठ नवंबर को आया था। इसे लेकर संसद को कोई जानकारी नहीं दी गई थी।”

हालांकि, जेटली ने सदस्य को कई कारणों से गलत होने की बात कही। जेटली ने कहा, “एक विधेयक का विरोध दो आधार पर किया जा सकता है-एक कि सदन के पास विधायी क्षमता नहीं हो या यह असंवैधानिक हो। उनकी आपत्ति में यह दोनों आधार नहीं है।” उन्होंने कहा कि सरकार अपने अधिकार के तहत नोटबंदी को लागू करने में सही रही।

जेटली ने कहा, “आठ नवंबर को अधिसूचना धारा 26-2 के तहत थी, आरबीआई को आदेश पारित करने की क्षमता है।” उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सदस्य पर निशाना साधा और कहा, “यह उनके लंबे संसदीय अनुभव में वृद्धि करेगा।” रॉय की आपत्ति को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने खारिज कर दिया और विधेयक को निचले सदन में पेश किया गया।

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628 को उम्रकैद, 37 को दिलवाई फांसी, जानें कौन हैं मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार उज्जवल निकम

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मुंबई| लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने शनिवार को 15वीं सूची जारी कर दी। इस सूची में उज्जवल निकम का नाम भी शामिल है। मशहूर वकील उज्जवल निकम को भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई उत्तर मध्य सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से पूनम महाजन का टिकट काट गया है।

बता दें कि पूनम महाजन मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट से बीजेपी की निवर्तमान सांसद है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इससे पहले 2014 में भी वह इसी सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं लेकिन इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा न जताकर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम को चुनावी मैदान में उतारा है।

बता दें कि उज्जवल निकल देश के जाने-माने वकील हैं उन्हीं ने मुंबई में 26/11 हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आमिर कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था। इस केस में वह विशेष लोक अभियोजक भी थे। इसके अलावा वह 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल केसों में सरकारी की ओर से केस लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने 30 साल लंबे करियर में 628 लोगों को आजीवन कारावास और 37 लोगों को मृत्युदंड की सजा दिलवाई।

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