Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

शेयर बाजार : मौद्रिक नीति समीक्षा पर रहेगी नजर

Published

on

Loading

मुंबई| आगामी सप्ताह में निवेशकों की निगाह मुख्य रूप से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा और संसद के चालू शीतकालीन अधिवेशन पर टिकी रहेगी। सोमवार 1 दिसंबर को बेहतर विकास दर के आंकड़ों की प्रतिक्रिया में बाजार में तेजी दर्ज की जा सकती है। सरकार ने विकास दर के आंकड़े शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी किए।

मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर साल-दर-साल आधार पर 5.3 फीसदी रही, जो प्रथम तिमाही में 5.7 फीसदी थी। हालांकि विकास दर घटी है, लेकिन यह विश्लेषकों के अनुमान से बेहतर है। आगामी सप्ताह में वाहन कंपनियों के शेयरों पर नजर रहेगी, क्योंकि एक दिसंबर से ये कंपनियां नवंबर में हुई बिक्री के आंकड़े जारी करेंगी।

निवेशकों की निगाह सरकारी तेल विपणन कंपनियों पर भी रहेगी, क्योंकि ये कंपनियां तेल मूल्य की समीक्षा करेंगी। तेल कंपनियां हर महीने के बीच में और आखिर में गत दो सप्ताह में आयातित तेल की औसत कीमत के आधार पर तेल मूल्य की समीक्षा करती हैं। रिजर्व बैंक मंगलवार दो दिसंबर को मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगी। बैंक यदि मुख्य दरों में कटौती की घोषणा करता है, तो इसका शेयर बाजार पर अनुकूल असर पड़ेगा और प्रमुख सूचकांक एक बार फिर नई ऊंचाई छू सकते हैं।

संसद का शीतकालीन सत्र 24 नवंबर से जारी है। यह 23 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में आर्थिक महत्व के कई विधेयकों से संबंधित घटनाक्रमों पर निवेशकों की निगाह रहेगी। इस सत्र में बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास व पुनस्र्थापना जैसे विधेयकों को पारित करने की कोशिश की जा सकती है। सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक पर भी कदम आगे बढ़ा सकती है।

आगामी सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेश के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल के मूल्य पर भी निवेशकों की नजर बनी रहेगी। निवेशकों की निगाह आगामी सप्ताह में कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमत पर भी टिकी रहेगी। हाल के महीनों में तेल मूल्य में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसी का फायदा उठाते हुए सरकार ने डीजल मूल्य को नियंत्रण मुक्त भी कर दिया है। कच्चे तेल की कीमत घटने से सरकार को चालू खाता घाटा और ईंधन महंगाई दर कम करने में मदद मिलेगी। देश को अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करना पड़ता है।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

Published

on

Loading

नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

Continue Reading

Trending