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बिजनेस

शेयर बाजार : मानसून, ग्रीस संबंधी घटनाक्रम पर रहेगी नजर

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मुंबई। शेयर बाजारों में आगामी सप्ताह में मानसून की प्रगति और ग्रीस के साथ कर्ज समझौते के लिए यूरो समूह के मंत्रियों की बैठक पर निवेशकों की निगाह टिकी रहेगी। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।

आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर मानसूनी सत्र के दौरान बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, देश में मानसूनी बारिश औसत से 24 फीसदी अधिक हुई है।

आगामी सप्ताह ग्रीस से संबंधित घटनाक्रम पर निवेशकों का ध्यान लगा रहेगा। बाजार सोमवार को ग्रीस के साथ समझौते के लिए यूरो समूह के मंत्रियों की बैठक के निष्कर्षों पर प्रतिक्रिया करेगा, जो शनिवार 27 जून को होने वाली है। ग्रीस को 30 जून तक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) को 1.75 अरब डॉलर की कर्ज की किस्त चुकानी है। माना जा रहा है कि उसके पास इसके लिए समुचित नकदी नहीं है और वह कर्ज की अगली खेप में से ही इसे चुकाएगा। कर्ज की अगली खेप पाने के लिए उसे कर्जदाताओं के साथ एक सहमति पर पहुंचना जरूरी है। यदि ग्रीस किस्त चुकाने में असफल रहता है, तो कर्जदाता और यूरो समूह उस पर समूह से बाहर निकलने के लिए दबाव बना सकते हैं।

अगले सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी नजर रहेगी। ये कंपनियां बुधवार से जून में हुई बिक्री के आंकड़े देना शुरू करेगी। आगामी सप्ताह तेल मूल्य में भी संशोधन हो सकता है। तेल विपणन कंपनियां हर महीने के मध्य और आखिर में गत दो सप्ताह की कीमतों के आधार पर तेल मूल्य निर्धारित करती हैं। इससे इन कंपनियों के शेयरों के मूल्य पर भी प्रभाव पड़ता है।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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