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शारदा घोटाला : तृणमूल नेता रजत मजूमदार को जमानत

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कोलकाता | पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के नेता व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी रजत मजूमदार को सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई। मजूमदार तृणमूल के पहले नेता थे, जिन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौ सितंबर, 2014 को गिरफ्तार किया था। उन्हें न्यायाधीश सुब्रो कमल मुखर्जी व न्यायाधीश इंद्रजीत चटर्जी की पीठ ने जमानत दी।

मजूमदार के वकील मिलन मुखर्जी ने दलील दी कि घोटाले में उनकी संलिप्तता को लेकर सीबीआई ने अभी तक कोई सबूत नहीं दिया है, वहीं सीबीआई के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि मजूमदार एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। न्यायालय ने हालांकि तृणमूल नेता की जमानत याचिका को सशर्त स्वीकार कर लिया। मजूमदार के वकील ने कहा, “उन्हें एक लाख रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत मिली है। न्यायालय ने उन्हें कोलकाता और उत्तर 24 परगना जिले से बाहर नहीं जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सप्ताह में एक बार उन्हें जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।”

प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक तृणमूल के दूसरे नेता हैं, जिन्हें इस मामले में जमानत मिली है। इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस से पूर्व राज्यसभा सदस्य सृंजय बोस को चार फरवरी को जमानत मिली थी। उन्हें 75 दिन जेल में गुजारना पड़ा था। जमानत मिलने के तुरंत बाद ही बोस ने पार्टी व राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने 17 नवंबर को दाखिल अपने आरोप पत्र में मजूमदार पर षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी व फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। मजूमदार सेवानिवृत्ति के बाद शारदा समूह में सुरक्षा सलाहकार के तौर पर काम करने के साथ ही वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए और साल 2013 में बीरभूम में हुए पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी की तरफ से चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में अपनी सेवा दी।

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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