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बिजनेस

वोडाफोन एम-पैसा के आउटलेट्स से निकालें नकदी

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वोडाफोन एम-पैसा, अर्थव्यवस्था, उपभोक्ता, आउटलेट्स, आरबीआई, डिजिटल वॉलेट

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वोडाफोन एम-पैसा, अर्थव्यवस्था, उपभोक्ता, आउटलेट्स, आरबीआई, डिजिटल वॉलेट

                                                                वोडाफोन एम-पैसा

नई दिल्ली | भारत को नकदी रहित अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के कदम का समर्थन करते हुए वोडाफोन इण्डिया ने  अपने 84 लाख से अधिक एम-पैसा उपभोक्ताओं के लिए एक अनूठी पेशकश की है, जिसके तहत वे अपने डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करते हुए देश भर के 120,000 से अधिक वोडाफोन एम-पैसा आउटलेट्स से नकद राशि निकाल सकते हैं, जो उपलब्धता पर आधारित होगी।

वोडाफोन एम-पैसा के बिजनेस हैड सुरेश सेठी ने कहा, “वोडाफोन एम-पैसा के उपभोक्ताओं को अब नकदी के इंतजार में अपनी बैंक शाखा या एटीएम के बाहर लम्बी कतारों में खड़े नहीं रहना पड़ेगा। हमने देश भर में 1,20,000 से अधिक एम-पैसा आउटलेट्स का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क स्थापित करने के लिए बड़ी मात्रा में निवेश किया है, यह संख्या देश में बैंक शाखाओं की संख्या के बराबर है।

इनमें से 56 फीसदी से अधिक आउटलेट ग्रामीण भारत में स्थित हैं, जो दूर-दराज के इलाकों में भी हैं। हमारे उपभोक्ता इनमें से किसी भी आउटलेट पर जाकर वोडाफोन एम-पैसा के अनूठे कैश आउट फीचर का इस्तेमाल करते हुए अपनी सुविधा के अनुसार डिजिटल वॉलेट से पैसा निकाल सकते हैं।”

सेठी के अनुसार, “इस वॉलेट को क्रेडिट/डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिए आसानी से लोड किया जा सकता है। इसके अलावा वोडाफोन एम-पैसा वॉलेट का इस्तेमाल ऑनलाइन शॉपिंग, बिलों के भुगतान तथा परिवारजनों या दोस्तों को पैसा भेजने के लिए भी किया जा सकता है।”

नकद निकासी सुविधा का लाभ उठाने के लिए उपभोक्ता को अपना पहचान प्रमाण पत्र लेकर नजदीकी वोडाफोन एम-पैसा आउटलेट जाना होगा, जहां वे उपलब्धता एवं आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार नकद राशि पा सकते हैं।

 

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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