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रोहित शर्मा की कप्तानी पारी, मुंबई इंडियंस प्लेऑफ में

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मुंबई। मैन ऑफ द मैच रोहित शर्मा (नाबाद 56) की कप्तानी पारी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर को पांच विकेट से हराते हुए प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम होने का गौरव हासिल किया। वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मैच में बेंगलोर ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई के सामने 163 रनों का लक्ष्य रखा था। मुंबई ने इस लक्ष्य को एक गेंद शेष रहते हुए पांच विकेट खोकर हासिल कर लिया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी मुंबई ने अपनी पारी की पहली ही गेंद पर पार्थिव पटेल का अहम विकेट खो दिया था। अनिकेत चौधरी ने उन्हें खाता भी नहीं खोलने दिया। पटेल के जाने के बाद जोस बटलर (33) और नीतीश राणा (27) ने टीम का स्कोर 61 तक पहुंचाया।

लेकिन 70 के कुल स्कोर तक यह दोनों भी पवेलियन लौट चुके थे। इन दोनों को पवन नेगी ने आउट किया। केरन पोलार्ड (17) का युजवेंद्र चहल ने ट्रेविस हेड के हाथों कैच कराया। क्रुणाल पांड्या ने दो गेंदों पर दो रन ही बनाए थे कि वह मांसपेशियों में खिंचाव के कारण रिटायर्ड हर्ट हो गए।

मुंबई की टीम संकट में थी लेकिन, कप्तान रोहित 37 गेंदों में एक छक्का और छह चौकों की मदद से मुंबई को जीत तक ले गए। इसमें उनका बखूबी साथ दिया नौ गेंदों में 14 रन की नाबाद पारी खेलने वाले हार्दिक पांड्या ने।

इससे पहले बल्लेबाजी करने उतरी बेंगलोर ने आखिरी ओवरों में केदार जाधव (28) और नेगी (35) के बीच हुई अर्धशतकीय साझेदारी के दम पर निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 162 रन बनाए।

बेंगलोर की पारी की शुरूआत करने उतरे कप्तान विराट कोहली (20) और मंदीप सिंह (17) ने पहले विकेट के लिए 31 रन जोड़े। इसी स्कोर पर कर्ण शर्मा की गेंद पर हार्दिक ने मंदीप का कैच लपका।

इसके बाद टीम के खाते में नौ रन ही जुड़ पाए थे कि मिशेल मैक्लेघन ने रोहित के हाथों कोहली को आउट कर टीम को दूसरा और बड़ा झटका दिया।

कोहली के आउट होने के बाद ट्रेविस हेड (12) और अब्राहम डिविलियर्स (43) ने तीसरे विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाला। 85 के कुलयोग पर क्रुणाल ने हार्दिक के हाथों ट्रेविस को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। इसके बाद 102 के स्कोर पर क्रुणाल ने जसप्रीत बुमराह के हाथों डिविलियर्स को कैच आउट करवाया। डिविलियर्स ने 27 गेंदों पर तीन चौके और तीन छक्के लगाए।

बुमराह ने डिविलियर्स के आउट होने के बाद जाधव के साथ बेंगलोर की पारी को आगे बढ़ाने उतरे शेन वॉटसन (3) को बोल्ड कर पवेलियन का रास्ता दिखाया।

छठे विकेट के लिए नेगी और जाधव ने 54 रन जोडक़र टीम को 162 के सम्मानजनक स्कोर पर पहुंचाया। इसी स्कोर पर मैक्लेघन ने पहले नेगी और अगली गेंद पर जाधव को आउट किया। टीम का आठवां विकेट 20वें ओवर की अंतिम गेंद पर श्रीनाथ अरविंद के रूप में गिरा। नेगी ने 23 गेंदों में एक चौके और तीन छक्के लगाए।

मुंबई के लिए मैक्लेघन ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए, वहीं, क्रुणाल को दो और कर्ण तथा बुमराह को एक-एक सफलता मिली।

नेशनल

लोकसभा के शोले और रहीम चाचा की खामोशी

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

हिन्दी सिनेमा की कालजई फिल्म शोले के रहीम चाचा का किरदार आपको जरूर याद होगा। उनका एक डायलॉग था जिसमें वो कहते है “इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई” उस वक्त पूरे रामगढ़ में किसी के पास इसका जवाब नहीं था, कमोवेश ठीक वैसे ही हालात इस वक्त लोकसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं पर पूरे देश में कहीं भी ऐसा नजर नहीं आता कि हम अगले पाँच साल के लिए अपने नुमाइंदे चुनने जा रहे हैं। एक अजीब खामोशी नुमायाँ है। गांव, कस्बों और शहरों तक में होर्डिंग और पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही कानफोडू लाऊडस्पीकर पर वोट मांगने वालों का शोर सुनाई दे रहा है, चाय की टपरी और पान के खोखों पर जमा होने वाली भीड़ अपने होंठों को सिले हुए है।

एक वक्त था जब हम लोग चाय की टपरी, पान की दुकान और रास्तों के ढाबों से देश का मूड भांप लेते थे। मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसका अंदाज लगाना आसान था। लेकिन आज स्थिति उलट है इन जगहों पर खड़ा आम आदमी आपसे ही उल्टा पूछ लेता है ‘और क्या चल रहा है’ इंसान-इंसान के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो गई है कि वो पब्लिक प्लेस पर अब राजनीतिक बात करने से गुरेज करने लगा है। वोटर अपने मन की बात जुबान पर नहीं लाना चाहता हैं क्यूंकी अब वो रेडियो पर ‘मोदी जी’ के मन की बात सुन रहा है और अपने मन की बात अपने मन में रखे हुए है। उसे डर है और ये डर मिश्रित चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम था। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग है। इसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 95 सीट पर मतदान होगा, जिसके लिए 1351 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

जब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का मतदान होगा तो इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर दिखाई देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है। लेकिन इस गर्मी के बीच क्षेत्रीय दलों के नेता काफी तेजी से अपने इलाके के मतदाताओं पर पकड़ बना रहे हैं और उन सवालों को उठा रहे हैं जिनसे देश का किसान, मजदूर और नौजवान चिंतित है। इसलिए उनके प्रति आम जनता की अपेक्षाएं बढ़ी हैं इसलिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। जबकि भाजपा की रैलियों का रंग उसके मुकाबले फीका नजर या रहा है।

हालांकि रैली में आने वाली भीड़ जीत का पैमाना नहीं होती इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। हर दल का अपना एक समर्पित काडर होता है। जबकि आज काडर के नाम पर ज्यादातर दलों के पास सत्ता के छत्ते से चिपकी रहने वाली मधुमक्खी ही ज्यादा नजर या रहीं है ये वो लोग हैं जिन्हें सत्ता की दलाली करने के अवसरों की तलाश होती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसके पास काडर है कार्यकर्ता हैं वो भी खामोश नजर आ रहा है। बहरहाल लगातार कम होते मतदान ने नेताओं की धुकधुकी बढ़ा रखी है। सत्ता पक्ष मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए परेशान है तो विपक्ष कम प्रतिशत को अपने पक्ष में मानकर मुंगेरीलाल के सपने बुनने में मगन है।

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