Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

रेलवे की माल ढुलाई आमदनी 11.38 फीसदी बढ़ी

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय रेल की माल ढुलाई से होने वाली आय अप्रैल-अक्टूबर 2014 अवधि में साल-दर-साल आधार पर 11.38 फीसदी बढ़ी। यह जानकारी रेल मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान से मिली। बयान के मुताबिक भारतीय रेलवे की आय अप्रैल-अक्टूबर 2014 के दौरान जिन्स-वार माल ढुलाई से 57,012.74 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 51,189.29 करोड़ रुपए थी।

रेलवे ने अप्रैल-अक्टूबर 2014 के दौरान 62.166 करोड़ टन जिन्स-वार माल की ढुलाई की, जो पिछले साल की इसी अवधि में ढोए गए 59.327 करोड़ टन माल के मुकाबले 4.79 फीसदी ज्यादा है। अक्टूबर 2014 के दौरान रेलवे ने 8,950.69 करोड़ रुपए की आय अर्जित की, जो पिछले साल के समान महीने में अर्जित 7,731.51 करोड़ रुपए की आमदनी की तुलना में 15.77 फीसदी अधिक है। इस राशि में से 4,315.00 करोड़ रुपए 4.62 करोड़ टन कोयले की ढुलाई से प्राप्त हुई।

इसी तरह 598.62 करोड़ रुपए 83.8 लाख टन लौह अयस्क की ढुलाई से हासिल हुए। यह ढुलाई निर्यात, इस्पात संयंत्रों को आपूर्ति और अन्य घरेलू उपयोग के लिए की गई।
इस दौरान 82.4 लाख टन सीमेंट की ढुलाई से 703.94 करोड़ रुपए, 43.5 लाख टन अनाज की ढुलाई से 734.05 करोड़ रुपए, 34.8 लाख टन पेट्रोलियम ऑयल एवं लुब्रिकेंट (पीओएल) की ढुलाई से 480.52 करोड़ रुपए, इस्पात संयंत्रों तथा अन्य स्थानों से 32.1 लाख टन ढलवां लोहे एवं तैयार इस्पात की ढुलाई से 546.52 करोड़ रुपए और 42.9 लाख टन उर्वरकों की ढुलाई से 510.82 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।

इसी तरह इस्पात संयंत्रों से 15.8 लाख टन कच्चे माल की ढुलाई से 166.76 करोड़ रुपए हासिल हुए, जिसमें लौह अयस्क शामिल नहीं है। वहीं, दूसरी ओर कंटेनर सेवा द्वारा 41.2 लाख टन की ढुलाई करने से 384.90 करोड़ रुपए और 53.7 लाख टन अन्य वस्तुओं की ढुलाई से 509.56 करोड़ रुपए प्राप्त हुए।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

Published

on

Loading

नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

Continue Reading

Trending