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बिजनेस

रिलायंस जियो को 26 वैश्विक बैंकों से ऋण

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मुंबई| रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी रिलायंस जियो को 1.5 अरब डॉलर ऋण देने वाले बैंकों के एक सिंडिकेट में दुनिया भर के 26 प्रमुख बैंक शामिल हुए हैं। यह जानकारी कंपनी ने एक बयान जारी कर दी। कंपनी इस ऋण का उपयोग 2010 में लिए गए इतनी ही राशि के एक अन्य ऋण को चुकाने में करेगी। रिलायंस जियो देश भर में 4जी दूरसंचार सेवा शुरू करने की तैयार कर रही है।

नए ऋण के तहत एक अरब डॉलर ऋण 5.5 साल की परिपक्व ता अवधि के साथ और 50 करोड़ डॉलर का ऋण सात साल की परिपक्व ता अवधि के साथ दिए जाएंगे।
कंपनी ने कहा कि इतनी लंबी परिपक्व ता अवधि वाला असुरक्षित ऋण हासिल करने वाली रिलायंस जियो एशिया की पहली कंपनी बन गई है। ऋण देने वाले सिंडिकेट में शामिल बैंकों में प्रमुख हैं बैंक ऑफ अमेरिका, सिटि ग्रुप, बार्कलेज, बीएनपी परिबास, बैंक ऑफ टोक्यो-मित्सुबिशी, डीबीएस, एचएसबीसी, स्टैनचार्ट, सुमितोमो मितुसी, रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड और बैंक ऑफ नोवा स्कोटिया। बयान में कहा गया, “ऋण की गारंटी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ली है।”

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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