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रेत खनन विधेयक पर काम जारी : जावड़ेकर

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नई दिल्ली,पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, सरकार नदियों,सतत रेत खनन

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नई दिल्ली | पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा कि सरकार नदियों के किनारे अवैध रेत खनन पर लगाम लगाने के लिए जल्द ही ‘सतत रेत खनन’ विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। जावड़ेकर ने यहां पत्रकारों से कहा, “हम सतत रेन खनन विधेयक को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। उपग्रहों के जरिए हम निर्धारित करेंगे कि किस नदी में रेत का भंडार अधिक है, उसके बाद ही हम वहां रेत खनन की इजाजत देंगे। हम नदियों को मरने नहीं देंगे।”

अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के संदर्भ में जावड़ेकर ने कहा कि संचित भंडार से अधिक रेत के खनन को रोकने के लिए बारकोट प्रणाली अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर किसी को 10,000 टन रेत खनन का ठेका मिला है, तो हमें सुनश्चित करना होगा कि वह 20000 हजार टन रेत का खनन न करे। इसके लिए हम बारकोड प्रणाली शुरू करेंगे।” अधिकारियों ने बताया कि बारकोड युक्त रसीद में ट्रक चालक की पूरी जानकारी होगी और रसीद संख्या के आधार पर वाहन को ट्रैक किया जा सकेगा। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार, विधेयक का मसौदा तैयार हो चुका है तथा तीन जुलाई को होने वाली बैठक में इस पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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