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यूपी में मौत के खेल ‘ब्लू व्हेल’ की एंट्री, फांसी पर लटका क्लास 6 का स्टूडेंट

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हमीरपुर। देश में ‘ब्लू व्हेल’ गेम से मौत का मामला बढ़ता ही जा रहा है। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और केरल के बाद अब उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 13 साल के स्टूडेंट ने पंखे से लटककर फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि ‘ब्लू व्हेल’ के टास्क पूरा करने के लिए उसने ये कदम उठाया है।

मोबाइल फोन हाथ में लेकर कक्षा छह के छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। मौके पर मिले साक्ष्य यह साफ बता रहे हैं कि 13 वर्षीय छात्र ने ऐसा कदम ‘ब्लू व्हेल चैलेंज गेम’ (ब्लू व्हेल) के आखिरी चैलेंज को पूरा करने के लिए उठाया था। जब उसके शव को फंदे से उतारा गया तो उस वक्त यही गेम मोबाइल पर चल रहा था।

मामला हमीरपुरे के मौदहा कस्बे के चर्च कम्पाउंड का है। जहां विक्रम सिंह के पुत्र पार्थ ने पंखे से लटकर फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पार्थ हमीरपुर जिले के जयपुरिया स्कूल में कक्षा 6 का छात्र था। फांसी लगाने से पहले पार्थ के पिता विक्रम ने उसे मोबाईल पर गेम खेलते हुए देखा था। इसके बाद वो घर में हो रही पुताई को देखने लगे। इसी के कुछ देर बाद पार्थ ने अपने कमरे को बंद कर फांसी लगा ली।

कुछ देर बाद घरवालों ने पार्थ को आवाज लगाई। जब कोई जवाब नहीं मिला तो पिता विक्रम उसके कमरे में पहुंचे। वहां बच्चे को फांसी पर लटका देख वह दंग रह गए। शोर सुनकर पार्थ की मां और कॉलोनी के दूसरे लोग भी मौके पर पहुंच गए। विक्रम सिंह ने बताया कि कई दिनों से पार्थ मोबाइल पर गेम खेल रहा था। उसे कई बार टोका और डांटा। इसके बाद वो चोरी-छिपे गेम खेलने लगा।

इंस्पेक्टर प्रमेंद्र सिंह ने बताया कि मौके से मोबाइल फोन बरामद हुआ है। फिलहाल मौत के पीछे गेम खेलने की बात सामने आई है। मामले की जांच की जा रही है। हालांकि, बच्चे की बॉडी पर किसी तरह का कोई निशान नहीं मिला।

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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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