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अन्तर्राष्ट्रीय

म्यांमार : विपक्षी पार्टी एनएलडी ने 536 संसदीय सीटें जीती

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यांगून। म्यांमार की विपक्षी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने देश के आम चुनाव में अब तक 536 संसदीय सीटों पर जीत दर्ज कर ली है। केंद्रीय चुनाव आयोग (यूईसी) के मुताबिक, 536 संसदीय सीटों में से हाउस ऑफ रिप्रेजेनटेटिव (ऊपरी सदन) की 77 और रीजन या स्टेट पार्लियामेंट की 280 सीटें हैं।

देश में सत्तारूढ़ पार्टी यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी ने 51 सीटों पर जीत दर्ज की है, जिसमें निचले सदन की 17, ऊपरी सदन की चार और रीजन या स्टेट पार्लियामेंट की 30 सीटें शामिल हैं।

यूईसी ने अब तक 627 निर्वाचित सांसदों की घोषणा की है। यूईसी दैनिक आधार पर चुनावी नतीजों की घोषणा करना जारी रखेगा।

यूईसी ने बुधवार को आम चुनाव में सू की के जीतने की घोषणा की थी। उन्हें अगले संसद सत्र में हाउस ऑफ रिप्रेजेनटेटिव की प्रतिनिधि के रूप में दोबारा चुना गया है।

एनएलडी ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि म्यांमार के राष्ट्रपति यू थेन सेन ने चुनाव में पार्टी की जीत पर बधाई दी है।

सू को अगले सप्ताह राष्ट्रपति यू थेन सेन, संसद के स्पीकर यू श्वे मान और रक्षा सेवाओं के कमांडर इन चीफ वरिष्ठ जनरल मीन आंग हलेंग के साथ चर्चा के लिए बुलाया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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