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अन्तर्राष्ट्रीय

बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में चीन-ब्राजील साझेदारी लाभप्रद

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रियो डी जनेरियो। ब्राजील के बुनियादी ढांचे में सुधार में चीन की मदद को लेकर ब्राजील और चीन के विशेषज्ञ आपस में सहमत हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे दोनों देशों को लाभ पहुंच सकता है। विशेषज्ञों ने चीन के फुडान विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी में ब्राजील के थिंक टैंक फंडाकाओ गुटेलियों वर्गेस (एफजीवी) ने पिछले शुक्रवार को चीन-ब्राजील संबंधों पर आयोजित सेमिनार में दोनों देशों के बुनियादी ढांचे की दशा, बुनियादी ढांचागत निर्माण में सार्वजनिक-निजी क्षेत्रों की भागीदारी, वित्त, पर्यावरणीय लाइसेंसिंग एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

एफजीवी के शोधकर्ता लिया वाल्स ने कहा कि पिछले कुछ साल में ब्राजील के लिए चीन का महत्व काफी बढ़ गया है। चीन पिछले लगातार छह साल से ब्राजील का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश है। इस साल की शुरुआत में चीन ने ब्राजील में 53 अरब डॉलर के निवेश की योजना का ऐलान किया था। यह निवेश मुख्य रूप से बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में किया जाएगा।

वाल्स ने कहा कि बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में चीन को काफी जानकारी है, वहीं ब्राजील को अपने बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है। दोनों देश लक्ष्य हासिल करने के लिए मिल कर काम कर सकते हैं।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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