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मोदी–शाह के लिए खतरे की घंटी, आरएसएस ने मोदी सरकार की घटती लोकप्रियता पर जताई चिंता

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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव में एबीवीपी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद गंवाने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या मोदी सरकार की लोकप्रियता घट रही है?

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार डूसू चुनाव में एबीवीपी की इतनी करारी हार हुई है। इन नतीजों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी चिंता जताते हुए मोदी और शाह को चेतावनी दे डाली है।

आरएसएस ने भाजपा और केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि जनता का मूड मोदी सरकार के प्रति बदल रहा है। मोदी सरकार की लोकप्रियता घट रही है। ऐसे में भाजपा और सरकार दोनों को इस पर विचार करने की जरूरत है। आरएसएस ने विभिन्न संगठनों से मिले फीडबैक के बाद भाजपा और मोदी सरकार को अलर्ट
किया है।

‘द टेलीग्राफ’ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आरएसएस ने मोदी सरकार के प्रदर्शन पर विभिन्न संगठनों से जानकारी ली है। इनमें जो मुख्य बातें सरकार के खिलाफ जा रही हैं– उनमें आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, नौकरी से निकाले जाने और नोटबंदी की विफलता जैसे मुद्दे शामिल हैं। साथ-साथ किसानों की खराब हो रही स्थिति भी सरकार के लिए खतरे की घंटी का काम कर सकती है।

आरएसएस ने सरकार से जुड़े नुमाइंदों और पार्टी नेताओं को बताया कि कार्यकर्ताओं से जो जानकारी मोदी सरकार को मिल रही है वह अच्छी नहीं है। आम आदमी गंभीर मुद्दों को उठा रहे हैं और सरकार के रवैए पर चर्चा कर रहे हैं।

‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के मुताबिक संघ की ओर से ये जरूर कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता अब भी कायम है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं निकाला जा सकता कि आने वाले चुनाव में जीत सुनिश्चित है।

आरएसएस ने 2004 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि उस चुनाव में इंडिया शाइनिंग कैंपेन और अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता के बाद भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था।

जानकारी के मुताबिक संघ को विभिन्न संगठनों से जो रिपोर्ट मिली है उसके मुताबिक सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना की गई है।

आरएसएस से जुड़े एक नेता ने ‘द टेलीग्राफ’ को बताया कि लोगों को मोदी सरकार से उम्मीद थी कि वह काला धन लेकर आ सकते हैं।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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