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मोदी तेज प्रताप की शादी कराने को तैयार लेकिन रख दी है ये तीन शर्त

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पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के पुत्र उत्कर्ष तथागत की शादी रविवार को संपन्न हो गई। इसके बाद मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताज के उस आग्रह को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने अपने लिए दुल्हन खोजने का आग्रह किया है। तेज प्रताप ने रविवार को पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा था कि अब वह अपने लिए दुल्हन ढूंढने की जिम्मेदारी सुशील मोदी को सौंप रहे हैं तेज प्रताप ने कहा, “बच्चों के लिए दुल्हन ढूंढने की जिम्मेदारी घर के बड़े और बुजुर्गो की होती है और ऐसे में वह यह जिम्मेदारी सुशील मोदी को सौंप रहे हैं।” तेज प्रताप के दुल्हन खोजने की जिम्मेदारी मिलने के बाद सुशील मोदी ने भी बिना देर किए इसे स्वीकार तो कर लिया, लेकिन साथ ही तीन शर्तें भी रख दीं।

सुशील मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर लिखा, “मैं तेज प्रताप यादव के लिए दुल्हनिया ढूंढ़ दूंगा, लेकिन तेज प्रताप को ये तीन शर्ते माननी होंगी। पहली शर्त यह कि वह अपनी शादी में दहेज नहीं लेंगे, दूसरी शर्त यह कि वह अंगदान करने का संकल्प लें और तीसरी शर्त यह कि वह भविष्य में किसी के भी विवाह में तोड़फोड़ करने की धमकी नहीं देंगे।” सुशील मोदी ने तेज प्रताप को अपने बेटे के विवाह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। इस दौरान तेज प्रताप ने सुशील मोदी के घर में घुसकर मारने और उनके बेटे की शादी में घुसकर तोड़फोड़ करने की धमकी दी थी। बता दें कि तेज प्रताप, उत्कर्ष के विवाह में खुद शामिल नहीं हुए थे। बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के पुत्र और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए एक विवादित बयान के बाद बिहार में सियासी गरमी बढ़ गई थी। लालू प्रसाद की सुरक्षा में कटौती करने के एक प्रश्न के जवाब में उनके पुत्र तेज प्रताप ने सीधे शब्दों में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खाल उधड़वा देंगे। इधर, तेज प्रताप के बयान के बाद लालू प्रसाद ने जहां सफाई दी है, वहीं बिहार में सत्ताधारी भाजपा और जद (यू) ने तेज प्रताप के बहाने लालू पर निशाना साधा था।

नेशनल

अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात

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अमेठी। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, “मेहमानों का स्वागत है। हमलोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इतना ही कह दूं कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो तो वे यहां से लड़ते।

वहीँ इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं।

वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ”राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है।

उन्होंने लिखा है,” इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘रंपरागत सीट’की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।

उन्होंने लिखा है, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

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