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बिजनेस

मुकेश अंबानी नहीं, इस खूबसूरत लड़की ने दिया था जिओ का आइडिया

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नई दिल्ली। अगर आप इस खबर को इंटरनेट पर पढ़ रहे हैं और आपके पास जिओ का नेटवर्क का है तो आप सोने से पहले मुकेश अंबानी से पहले उनकी बेटी को धन्यवाद देकर सोइए, क्यूंकि भले ही जिओ की शुरुआत मुकेश अंबानी ने की हो मगर इसका आईडिया उनकी बेटी ईशा अंबानी का था. उन्ही की वजह से आप आज अंधाधुंधफ्री इन्टरनेट चला पा रहे हैं। ये बात न ही हम कह रहे हैं न ही किसी सर्वे में इस बात का पता चला है. खुद मुकेश अंबानी ने इस बात की जानकारी दी है.

पिछले हफ्ते गुरुवार को मुकेश अंबानी एक समारोह में थे. मौका था फाइनैंशियल टाइम्स आर्सेलरमित्तल बोल्डनेसइन बिजनेस पुरस्कार समारोह का. उन्होंने बताया कि 2011 में उनकी बेटी अमेरिका में पढ़ रही थी. एक बार जब वो छुट्टियों में घर आई हुई तब उसे अपना कुछ कोर्स से सम्बंधित वर्क भेजना था मगर इन्टरनेट स्लो चल रहा था. तब उसने कहा कि हमारे घर का इन्टरनेट स्लो चल रहा है.

मुकेश अम्बानी ने बताया कि उनकी बेटी और बेटे ने ही उनसे कहा कि भारत को इन्टरनेट के एक बड़े दायरे की ज़रुरत है. इसके बाद हमने 2016 में हमने जिओ को लांच किया. इसकी शुरुआत में 31 अरब डॉलर का खर्च आया था. इसके बाद मार्केट और दूसरी टेलिकॉम कंपनियों का क्या हाल हुआ ये तो सबको मालूम है. जिओ ने दूसरी टेलिकॉम कंपनियों को अपने कॉल और इन्टरनेट रेट कम करने के लिए मजबूर कर दिया.

वर्तमान स्थिति के अनुसार ये कहना गलत नहीं होगा कि जिओ के बदोलत ही आज भारत पूरी दुनिया में 4g इन्टरनेट का एक बड़ा उपभोक्ता है और 5g के लिए भी तैयार है.

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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