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मुंबई धमाकों के दोषी मेमन की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज, 30 जुलाई को होगी फांसी

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नई दिल्ली। मुंबई बम धमाकों के मामले में फांसी की सजा पाए याकूब मेमन की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस एचएल दत्तू, जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस एआर दवे ने यह फैसला दिया। इस अपील के खारिज होने के साथ याकूब के लिए राहत के सारे रास्ते बंद हो गए हैं। अब संभावना जताई जा रही है कि याकूब को 30 जुलाई को फांसी हो सकती है। नागपुर की सेंट्रल जेल में उसे सुबह सात बजे फांसी दी जानी है।

उल्लेखनीय है कि याकूब 1993 के मुंबई ब्लास्ट कांड का दोषी है। उसे विशेष टाडा अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इन धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। 21 मार्च 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई के स्पेशल कोर्ट के फांसी की सजा को बरकरार रखने का फैसला सुनाया था। 9 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मेमन की पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए उसकी मौत की सजा बरकरार रखी थी। याकूब की दया याचिका भी पिछले साल राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं।

ऐसे में साफ था कि अगर यह क्यूरेटिव पिटीशन मंजूर होती तो याकूब की फांसी की सजा रुक जाती लेकिन अब याचिका नामंजूर होने की स्थिति में उसे निर्धारित समय यानी 30 जुलाई को फांसी दी जाएगी।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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