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मांझी को समर्थन पर आज फैसला करेगी भाजपा

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पटना | बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के खेमे के लिए गुरुवार का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश के समर्थन में व्हिप जारी कर दिया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मांझी सरकार को समर्थन देने के संबंध में कोई औपचारिक घोषणा कर सकती है। मुख्यमंत्री मांझी शुक्रवार को सदन में विश्वास मत साबित करने वाले हैं। मांझी के बहुमत साबित करने के एक दिन पूर्व राजद के मुख्य सचेतक वीरेन्द्र कुमार ने व्हिप जारी कर कहा कि सभी विधायक नीतीश के समर्थन में मतदान करेंगे।

इस बीच, भाजपा विधायक दल की होने वाली बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने गुरुवार को बताया कि विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें मांझी सरकार को समर्थन देने पर विचार किया जाएगा। बैठक के बाद विधायकों के निर्णय से केन्द्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा। इसके बाद ही अधिकारिक निर्णय लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक दल की बुधवार शाम हुई बैठक में अधिकांश विधायक मांझी सरकार को सदन में समर्थन देने के पक्ष में थे। गौरतलब है कि राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने मांझी को 20 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। इसी दिन से बिहार विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो रही है।

नीतीश के आवास पर जद (यू), राजद, कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के विधायकों के लिए दावत का आयोजन किया गया है। एक दावत मांझी के आवास पर भी रखी गई है, जिसमें उनके समर्थक विधायकों के शामिल होने की संभावना है। इधर, जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को पत्र भेजकर पार्टी को मुख्य विपक्षी दल का दर्जा देने और विजय कुमार चौधरी को प्रतिपक्ष का नेता बनाने की मांग की है। इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसका भाजपा ने बहिष्कार किया था।

पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश का खेमा अब भी 130 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है। नीतीश राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं। जद (यू) ने मांझी को पार्टी से निष्कासित तथा मांझी मंत्रिमंडल में शामिल सात मंत्रियों को पार्टी से निलंबित कर दिया है।
बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान समय में 10 सीटें रिक्त हैं और बहुमत साबित करने के लिए किसी भी पक्ष को कुल 117 विधायकांे की जरूरत है। राज्य विधानसभा में इस वक्त जद (यू) के 111, भाजपा के 87, कांग्रेस के पांच, राजद के 24, निर्दलीय पांच तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के एक सदस्य हैं।

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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