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मनोरंजन

महिलाएं पुरुषों से बेहतर हैं : अनुपम खेर

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मुंबई। अभिनेता अनुपम खेर की फिल्म ‘नाम शबाना’ में महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिका में दिखाया गया है। उनका कहना है कि वह हमेशा से महिलाओं को पुरुषों से बेहतर मानते रहे हैं। अनुपम ने यहां गुरुवार को कहा, “मैं हमेशा से मानता हूं कि महिलाएं पुरुषों से बेहतर हैं, जो किसी जीवन को जन्म दे सकती हैं वह श्रेष्ठ है।”

उन्होंने कहा, “मेरी मां महान हैं और समाज में कई सशक्त महिलाएं हैं। भारत सहित प्रत्येक देश में महिलाओं को समान अवसर देना महत्वपूर्ण है। यह स्वभाविक प्रक्रिया है और हमें इसके लिए कड़ी मेहनत नहीं, बल्कि अत्यधित मेहनत करनी चाहिए। मेरे लिए ऐसे मुद्दों पर बात करना बहुत जरूरी है।”

अनुपम ने ‘पूर्णा’ की विशेष स्क्रीनिंग के मौके पर यह बात कही। यह फिल्म एक लडक़ी के धैर्य और ²ढ़ संकल्प को उजागर करती है। राहुल बोस द्वारा निर्देशित ‘पूर्णा’ माउंट एवरेस्ट पर चढऩे वाली सबसे कम उम्र की लडक़ी पूर्णा मालावत के जीवन पर आधारित है।

ऐसी फिल्म बनाने के लिए राहुल बोस की सराहना करते हुए अनुपम ने कहा, “राहुल समाजिक रूप से जागरूक हैं। वह हमेशा ऐसी फिल्म से जुड़ते हैं, जो कुछ महत्वपूर्ण कारणों और मुद्दे को प्रस्तुत करती है।” उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं कि उनकी फिल्म लोगों के बीच चर्चा का विषय है।”

खेल-कूद

मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप की टीम में जगह बनाए: शाहरुख खान

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मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान ने आगामी टी-20 विश्व कप के लिए अपनी टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह को भारतीय टीम में शामिल करने का सपोर्ट किया है। शाहरुख की इच्छा है कि रिंकू सिंह टी 20 वर्ल्ड कप खेलें। रिंकू की विश्व कप संभावनाओं को लेकर शाहरुख ने कहा, “ऐसे अद्भुत खिलाड़ी देश के लिए खेल रहे हैं। मैं वास्तव में रिंकू, इंशाअल्लाह और अन्य टीमों के कुछ अन्य युवाओं के विश्व कप टीम में होने का इंतजार कर रहा हूं। उनमें से कुछ इसके हकदार हैं, लेकिन मेरी व्यक्तिगत इच्छा है कि रिंकू टीम में जगह बनाये, मुझे बहुत खुशी होगी। वह मेरे लिए सर्वोच्च बिंदु होगा।”

शाहरुख़ ने आगे कहा, ‘मैं बस यही चाहता हूं कि वे खुश महसूस करें और जब मैं इन लड़कों को खेलते हुए देखता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं खुद एक खिलाड़ी के रूप में जी रहा हूं। खासकर रिंकू और नितीश जैसे खिलाड़ियों में मैं खुद को उनमें देखता हूं। जब वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो मुझे वास्तव में खुशी होती है।” ऐसी दुनिया में जहां सफलता को अक्सर विशेषाधिकार और अवसर के साथ जोड़ा जाता है, शाहरुख खान और रिंकू सिंह की कहानियां एक अनुस्मारक के रूप में काम करती हैं कि महानता लचीलापन, दृढ़ संकल्प और सभी बाधाओं के बावजूद अपने सपनों को आगे बढ़ाने के साहस से पैदा होती है।’

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक श्रमिक वर्ग के परिवार में जन्मे रिंकू सिंह को क्रिकेट स्टारडम की राह में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। साधारण परिवेश में पले-बढ़े रिंकू के परिवार को गुजारा करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था, उनके पिता एलपीजी सिलेंडर डिलीवरी मैन के रूप में काम करते हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। सफाईकर्मी की नौकरी की पेशकश के बावजूद, रिंकू ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून का पालन किया, उनका मानना ​​था कि यह उन्हें अधिक ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

 

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