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मप्र : राहुल हिरासत में, मृत किसानों के परिजनों से मिलने पर अड़े

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नीमच/मंदसौर/भोपाल , 8 जून (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करने जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई नेताओं को गुरुवार को नीमच की सीमा पर हिरासत में ले लिया गया। सभी नेताओं को विक्रम रेस्ट हाउस में रखा गया है। राहुल मृत किसानों के परिजनों से मिलने पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, मंदसौर में प्रवेश की अनुमति न मिलने पर राहुल सड़क मार्ग से उदयपुर से मंदसौर जा रहे थे। इसके पहले वह हवाई मार्ग से दिल्ली से उदयपुर पहुंचे थे। बीच में वह पुलिस को चकमा देते हुए नीमच से पहले निंबाड़ से मोटर साइकिल से मंदसौर की ओर रवाना हुए। पहले सचिन पायलट और फिर विधायक जीतू पटवारी ने मोटर साइकिल चलाई। वह कच्चे मार्ग से चिंताखेड़ा होते हुए नीमच सीमा पर पहुंच गए।

सूत्र ने कहा कि नीमच सीमा पर पहुंचते ही राहुल को पुलिस ने घेरा तो वह किसानों के साथ खेत में पहुंच गए। वहां पुलिस ने उन्हें घेर लिया। उसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया।

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने आईएएनएस से कहा, राहुल गांधी हवाई जहाज से उदयपुर पहुंचे। वहां से नयागांव से होते हुए मंदसौर में प्रवेश करने की उनकी योजना थी, मगर अंतिम समय में रणनीति में बदलाव किया गया। नीमच में पुलिस ने रोककर गांधी व अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया है।

उज्जैन के मंडलायुक्त बी. एम. ओझा ने बताया कि राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सचिन पायलट, मोहन प्रकाश, अरुण यादव, अजय सिंह सहित अनेक नेताओं को विक्रम रेस्ट हाउस में रखा गया है। यह रेस्ट हाउस जावद तहसील में स्थित है।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, राहुल मंदसौर के पीड़ित किसान परिवारों से मुलाकात की बात पर अड़े हुए हैं। उन्होंने प्रशासन से साफ कह दिया है कि इन परिवारों से मुलाकात किए बगैर वह वापस दिल्ली नहीं जाएंगे।

जिलाधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि राहुल गांधी को मंदसौर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। सिंह का तबादला हो गया है, मगर अभी वह कार्यमुक्त नहीं हुए हैं।

पुलिस के अनुसार, राहुल गांधी के आने की सूचना के मद्देनजर राजस्थान से मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले मार्ग पर बैरीकेट लगाए गए थे और पुलिस बल तैनात किए गए थे।

राज्य के किसान एक जून से आंदोलन कर रहे हैं। मालवा-निवाड़ अंचल में किसानों का आंदोलन उग्र बना हुआ है। मंगलवार को मंदसौर में पुलिस गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई। बुधवार को आंदोलन की आग आसपास के नीचम, देवास आदि जिलों में भी फैल गई।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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