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मप्र : आम बजट से मध्यवर्ग निराश, उद्योग जगत खुश

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भोपाल| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पहले पूर्ण आम बजट से सभी को अच्छे दिनों की शुरुआत की उम्मीद रही है, मगर वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश बजट से मध्यवर्ग को निराश हाथ लगी है, वहीं उद्योग जगत को खुशी हासिल हुई है। जेटली द्वारा पेश बजट में आयकर सीमा में इजाफा न किए जाने से नौकरी-पेशा और मध्यवर्ग को निराशा हाथ लगी है। यह वर्ग उम्मीद कर रहा था कि बजट में आयकर सीमा बढ़ाई जाएगी।

एसबीआई ऑफीसर्स एसोसिएशन भोपाल के क्षेत्र-3 के सचिव वीरेंद्र श्रीवास्तव कहते हैं, “नौकरी पेशा और मध्यवर्ग के कर्मचारियों को आयकर में छूट की सीमा बढ़ने का बड़ा इंतजार था, मगर ऐसा न होने से इस वर्ग में निराशा स्वाभाविक है।”

गृहणी और निजी कंपनी में काम करने वाली आशा देवी कहती हैं कि बजट में एक तरफ आयकर सीमा नहीं बढ़ाई गई है, वहीं सेवाकर बढ़ा दिया गया है। लिहाजा महंगाई और बढ़ेगी। उन्हें उम्मीद थी कि सरकार के बजट में ऐसे प्रावधान होंगे जो उनके घर खर्च को कम करने वाले होंगे। पेट्रोल डीजल के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कम हुए मगर उस अनुपात में देशवासियों को लाभ नही हुआ है। सरकार जो कहती रही है वह बजट में नजर नहीं आया।

वहीं फेडरेशन ऑफ चैम्बर ऑफ कॉर्मस एंड इंडस्टीज के संयुक्त अध्यक्ष आर. एस. गोस्वामी का कहना है कि उद्योग जगत के हिसाब से यह अच्छा बजट है। उन्होंने कहा, “इसमें कारोबार के सरलीकरण के प्रावधान किए गए हैं, वहीं कार्पोरेट कर में कमी लाने की बात कहीं गई है। इससे उद्योग जगत को अपने कारोबार में सहूलियत मिलेगी।”

गोस्वामी इस बजट में राज्य के हिस्से में वृद्धि किए जाने को एक सकारात्मक पहल मानते हैं। उनका कहना है, “राज्यों को मिलने वाले केद्रीय कर को बढ़ाकर 62 प्रतिशत किया गया है, इससे राज्य अपनी जरूरत के मुताबिक राशि का उपयोग कर सकेंगे।”

आर्थिक मामलों के जानकार जयंती लाल भंडारी का कहना है, “पेट्रोल व डीजल के दाम में कमी आई है, इसे लोगों ने महसूस भी किया है, मगर दैनिक उपयोग की वस्तुओं के दामों में सीधा असर न आने से आम आदमी को लाभ नहीं मिला है। बजट से इस वर्ग को ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ है।”

 

नेशनल

सिद्दारमैया के करीबी मंत्री का बयान, पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को गोली मार देनी चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया के करीबी मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। कर्नाटक के मंत्री जमीर अहमद ने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को देखते ही गोली मारने का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि कर्नाटक में उनकी कांग्रेस की सरकार है और उन्हें तत्काल ऐसे लोगों को गोली मारने का कानून बना देना चाहिए।

कर्नाटक में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है और सिद्दारमैया मुख्यमंत्री हैं। जमीर अहमद ऐसे पहले मंत्री नहीं हैं, जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वालों को गोली मारने का कानून बनाने की मांग है, बल्कि इससे पहले कर्नाटक के कृषि मंत्री ने भी इसी तरह की बात की थी।

पिछले दिनों कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने देश में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोगों से निपटने के लिए कानून की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी राय में भारत विरोधी नारे लगाने और गलत बोलने या फिर पाकिस्तान के समर्थन में वाले लोगों के खिलाफ शूट एट साइट कानून लागू होना चाहिए।

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