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नेशनल

मतभेद भुला आंध्र पहुंचे तेलंगाना के मुख्यमंत्री

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विजयवाड़ा| विजयदशमी के दिन आंध्रपदेश की नई राजधानी अमरावती के शिलान्यास की मुख्य घटना ही नहीं हुई, बल्कि आपसी कड़वाहट भुलाकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री कल्बकुंतल चंद्रशेखर राव भी समारोह में शामिल हुए। राव नलगोंडा जिले के सूर्यपेट से हेलीकॉप्टर द्वारा उद्दंडारायुनिपलेम पहुंचे, जहां आंध्र के मंत्रियों ने उनकी अगुवाई की। तेलंगाना आंदोलन और ‘कैश फॉर वोट’ घोटाले से संबंधित अपनी कड़वाहट को भुला कर और विपक्षी दलों की आलोचना से अप्रभावित राव ने आंध्रपदेश के अपने समकक्ष एन चंद्रबाबू नायडू के समारोह में सम्मिलित होने के आमंत्रण को स्वीकार किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ केवल मंच ही साझा नहीं किया बल्कि आधारशिला पर भी उनका नाम दिया गया। हालांकि नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेताओं के एक वर्ग ने इस कदम की आलोचना की है।

वर्षो बाद राव की यह पहली आंध्र यात्रा थी। राव ने अलग तेलंगाना राज्य के लिए 2001 में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की नींव रखने और तेलंगाना आंदोलन चलाने के दौरान आंध्र या रायलसीमा का कभी दौरा नहीं किया था। यहां तक कि अलग राज्य की मांग के साथ राव ने तेलंगाना के पिछड़ेपन के लिए नायडू और आंध्र के अन्य नेताओं को दोषी ठहराया था। राव ने कई विवादित मसले उठाए थे, जिन्हें आंध्र प्रदेश और खासतौर पर हैदाराबाद के निवासियों ने अपना अपमान और धमकी माना था।यहां तक कि पिछले साल आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद भी कृष्णा नदी का पानी और बिजली के बंटवारे समेत कई मुद्दों पर विवादों के चलते दोनों पक्षों के बीच कड़वाहट जारी रही।

मई में तेलंगाना के एक तेदेपा नेता को एक नामित विधायक को विधान परिषद के चुनाव में तेदेपा उम्मीदवार को मत देने के एवज में रिश्वत देते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद विवाद और गहरा गया था। टीआरएस ने इसे उनकी सरकार गिराने के लिए नायडू का षड्यंत्र बताया था।इसके बाद दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच शब्दों की जंग छिड़ गई। राव ने आंध्र के अपने समकक्ष को चोर कहा था और नायडू ने टीआरएस सरकार पर उनके फोन टैप करने का आरोप लगाते हुए केंद्र से मध्यस्थता की मांग की थी।

नायडू ने अमरावती के शिलान्यास को दोनों के आपसी मतभेदों को भुलाने का मौका बनाते हुए राव को समारोह में सम्मिलित होने का आमंत्रण भेजा। कांग्रेस ने राव के समारोह में सम्मिलित होने को अलग राज्य के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने वाले तेलंगाना के शहीदों का अपमान बताया। वरिष्ठ नेता पोन्नला लक्ष्मैया ने कहा कि इसने दोनों के बीच एक दूसरे के खिलाफ ‘कैश फॉर वोट’ और फोन टैपिंग के मामले को दबाने की गुपचुप रजामंदी का खुलासा कर दिया है। राव ने आलोचनाओं पर कहा है कि उन्होंने तेलंगाना की आदान-प्रदान की संस्कृति को जारी रखने के लिए आमंत्रण स्वीकार किया था।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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