अन्तर्राष्ट्रीय
भारत के लिए रवाना हुई समझौता एक्सप्रेस
लाहौर। भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस गुरुवार को अटारी के लिए रवाना हुई। रेलगाड़ी को 8 अक्टूबर को वाघा सीमा से वापस लाहौर रेलवे स्टेशन भेज दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि रेलगाड़ी में 122 भारतीय और 70 पाकिस्तानी मुसाफिर सवार हैं।
इससे पहले 193 मुसाफिरों के साथ वाघा सीमा पहुंची इस रेलगाड़ी को भारतीय अधिकारियों ने भारत के पंजाब प्रांत में किसानों के रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर वापस लाहौर भेज दिया था। पाकिस्तान रेलवे ने ऐलान किया था कि रेलगाड़ी सोमवार को रवाना होगी लेकिन किसानों का प्रदर्शन जारी रहने की वजह से इसे फिर टालना पड़ा था।
पाकिस्तान रेडियो की रपट के मुताबिक हर सोमवार और गुरुवार को चलने वाली यह रेलगाड़ी तब रवाना हुई जब भारतीय अधिकारियों ने इसकी सेवा को बहाल करने की पुष्टि की। जिन भारतीय मुसाफिरों की वीजा अवधि खत्म हो चुकी थी, उन्हें पाकिस्तान रेलवे के मुख्यालय में टिकाया गया और पाकिस्तान में रहने के लिए उन्हें प्रमाणपत्र दिया गया।
मंगलवार को 14 पाकिस्तानी दिल्ली से दोस्ती बस के जरिए लाहौर पहुंचे। इन्हें पहले समझौता एक्सप्रेस से वापस जाना था लेकिन ट्रेन न चलने की वजह से ये बीच में ही फंस गए थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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