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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत का फलस्तीन समस्या के राजनीतिक हल पर समर्थन

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भारत, फलस्तीन समस्या, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति महमूद अब्बास

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की और फलस्तीन समस्या के राजनीतिक समाधान के प्रति अपना समर्थन दोहराया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अब्बास के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमने पश्चिम एशिया की परिस्थितियों और मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति प्रक्रिया पर गहन विचार-विमर्श किया।”

भारत, फलस्तीन समस्या, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति महमूद अब्बास

मोदी ने कहा, “हमारे बीच इस बात पर सहमति बनी है कि पश्चिम एशिया की चुनौतियों का हल सतत राजनीतिक बातचीत और शांतिपूर्ण तरीकों से निकाला जाना चाहिए। भारत उम्मीद करता है कि इजरायल और फलस्तीन के बीच व्यापक समझौता हासिल करने के लिए जल्द से जल्द फिर से वार्ता शुरू हो।”

मोदी ने कहा, “भारत मजबूती से फलस्तीन के मुद्दों का समर्थन करता रहा है। हम शांतिमय इजरायल के साथ-साथ संप्रभु, स्वतंत्र, एकजुट और विकास की ओर बढ़ने वाले फलस्तीन की उम्मीद करते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि फलस्तीन में बुनियादी ढांचा विकसित करने में भारत अपना सहयोग जारी रखेगा और फिलिस्तीन के लोगों के जीवन में सुधार के लिए सहयोग करता रहेगा।

मोदी ने कहा, “हम फलस्तीन को विकास और कौशल विकास के प्रयासों में सहयोग देते रहेंगे।” प्रधानमंत्री ने कहा कि मंगलवार को हुई वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जो फलस्तीन के साथ संबंधों को मजबूती प्रदान करने की हमारी मंशा को पुष्ट करता है।

दोनों देशों के बीच मंगलवार को हुए समझौतों में कृषि, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य और युवा मामले एवं खेल जैसे क्षेत्रों में सहयोग से संबंधित समझौते शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने इसके अलावा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का आह्वान भी किया और इच्छा जाहिर की कि अगले महीने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में फलस्तीन भी हिस्सा ले।

फलस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर फलस्तीन के मुद्दों का लगातार समर्थन करने के लिए भारत की सराहना की।

अब्बास ने कहा कि उन्होंने मोदी को मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई बातचीत से अवगत कराया। ट्रंप के अलावा मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया को लेकर जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से हुई बातचीत की भी मोदी को जानकारी दी।

अब्बास ने आतंकवाद के हल स्वरूप और उसे बढ़ावा देने की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हर स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के प्रति समर्थन जताया।

इससे पहले अब्बास का राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने इससे पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। अब्बास ने सोमवार को इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में अपने संबोधन में कहा कि लोग इजरायल और फिलिस्तीन विवाद में मोदी की कार्यशैली से मदद लेकर इसका निपटारा करेंगे।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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