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भारत और साइप्रस ने अहम समझौतों पर किए हस्ताक्षर

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भारत साइप्रस के बीच समझौता, चार समझौतों पर हस्ताक्षर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली। भारत और साइप्रस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस अनास्तासियादेस की अध्यक्षता में यहां प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद विमान सेवा व मर्चेंट शिपिंग सहित चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

भारत साइप्रस के बीच समझौता, चार समझौतों पर हस्ताक्षर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने ट्वीट किया, “बहुपक्षीय साझेदारी आगे बढ़ी। प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद दोनों नेता चार समझौतों के साक्षी बने।” दोनों पक्षों ने संस्कृति, शिक्षा और वैज्ञानिक सहयोग के क्षेत्र में साल 2017 से 2020 के लिए एक कार्यकारी कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए।

दोनों देशों ने साल 2017-18 में कृषि में सहयोग के लिए एक कार्ययोजना पर हस्ताक्षर किए। एक अन्य समझौता मर्चेंट शिपिंग के क्षेत्र में सहयोग को लेकर हुआ।

यह भी पढ़ें- विदेश मंत्री सुषमा ने साइप्रस के राष्ट्रपति से की मुलाकात, कई डील होगी सील

चौथा समझौता दोनों देशों के बीच विमान सेवा को बढ़ावा देने को लेकर हुआ। इससे पहले साइप्रस के राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया।

अनास्तासियादेस ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें साइप्रस का आध्यात्मिक नेता और उसकी आजादी की लड़ाई का प्रेरणास्रोत
करार दिया।

इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनसे मुलाकात की। अनास्तासियादेस, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को शुक्रवार शाम साइप्रस के सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड कॉलर ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियॉस-3 से सम्मानित करेंगे। साइप्रस के राष्ट्रपति के सम्मान में प्रणब मुखर्जी शुक्रवार रात एक भोज की मेजबानी करेंगे।

मंगलवार को मुंबई पहुंचे अनास्तासियादेस शनिवार को नई दिल्ली से स्वदेश रवाना होंगे। साइप्रस, भारत में आठवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जिसका फाइनेंशियल लीजिंग, शेयर बाजार, ऑटो विनिर्माण, विनिर्माण उद्योग, रियल एस्टेट, कार्गो हैंडलिंग, कंस्ट्रक्शन, शिपिंग और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लगभग नौ अरब डॉलर है।

 

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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