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अन्तर्राष्ट्रीय

ब्लेयर ने जनमत संग्रह पर कैमरन की निंदा की

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लंदन| ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने वर्तमान प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को यूरोप पर उनकी नीति को लेकर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने चेताया है कि यूरोपीय संघ (ईयू) में ब्रिटेन की सदस्यता पर जनमत संग्रह कराना अर्थव्यवस्था में ‘उथल-पुथल’ मचा सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ द्वारा बुधवार को जारी रपट के अनुसार, कैमरन ने संकल्प लिया है कि अगर सात मई को होने वाले आम चुनाव में उनकी कंजर्वेटिव पार्टी जीतती है, तो वह वर्ष 2017 तक इस पर जनमत संग्रह कराएंगे कि ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से निकल जाना चाहिए या नहीं।

ब्लेयर ने मंगलवार को अपने पिछले निर्वाचन क्षेत्र सेजफील्ड में कहा, “इसके साथ यूरोप पर जनमत संग्रह भी उतना ही जोखिमभरा है। मैं इससे सहमत हूं कि यूरोप में मतदान भी महत्वपूर्ण होगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह उचित है।”

ब्लेयर ने यूरोपीय संघ में ब्रिटेन की सदस्यता पर जनमत संग्रह को लेकर जारी बहस के पीछे ‘राष्ट्रवाद’ का मुद्दा उठाने पर चिंता जाहिर की।

ब्लेयर ने अपने भाषण में लेबर पार्टी के नेता एड मिलिबैंड के साथ अपनी एकजुटता भी दिखाई। मिलिबैंड ने भी कहा कि वह ब्लेयर का साथ पाकर 100 फीसदी खुश हैं।

इस बीच, कैमरन ने ब्लेयर के बयान पर यह कहते हुए हमला किया कि ब्रिटेन के लोगों यूरोप के बारे में कोई राय रखने का हक है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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