Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

बोलने वाली मैना रहेगी 50 लाख के पिंजरे में

Published

on

Loading

जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना के संवर्धन के प्रयासों में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए कांघाराउ में करीब 50 लाख रुपये की लागत से वन विभाग विशाल पिंजरा बनाने की तैयारी में है। इस कार्य के लिए पार्क के अधिकारियों को प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। बस्तर में पाई जाने वाली पहाड़ी मैना का जूलॉजिकल नाम ‘गैकुला रिलीजिओसा पेनिनसुलारिस’ है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में पाई जाने वाली मैना से अलग है। यह कांगेर घाटी, गंगालूर, बारसूर तथा बैलाडीला की पहाड़ियों के अलावा छत्तीसगढ़ और ओड़िशा की सीमा पर स्थित गुप्तेश्वर क्षेत्र में पाई जाती है। इसलिए इसे राज्य पक्षी घोषित किया गया है।

हाल के वर्षो में पहाड़ी मैना के अवैध शिकार के कारण इनकी संख्या में तेजी से कमी आई है। कुछ दिनों पहले वन ग्राम कोटमसर के कोटवारपारा में 30 मैनाओं का झुंड देखा गया था, इसलिए अधिकारियों का ध्यान तेजी से इस ओर गया है।

लुप्त हो रही पहाड़ी मैना की प्रजाति को संवर्धित करने का प्रयास 1992 से किया जा रहा है। पहले 90 हजार रुपये खर्च कर वन विद्यालय में पिंजरा बनाया गया था।

मैना विशेषज्ञों की सलाह पर वर्ष 2005 में 17 लाख रुपये खर्च कर बड़ा पिंजरा बनाया गया और जंगल से लाई गई चार मैना को यहां रखा गया। प्रतिदिन इन्हें फल के अलावा सत्तू और इलेक्ट्राल पाउडर पिलाया जाता था, लेकिन एक भी मैना ने अंडा नहीं दिया, वहीं बीमारी और सर्प के हमले से चारों मैना मर गई, फिलहाल एक मैना को लेकर पिंजरे में रखा गया है।

मुख्य वनसंरक्षक (वन्यप्राणी) व्ही. रामाराव ने बताया कि 22 वर्षो से वन विद्यालय के पिंजरे में मैना संवर्धन के प्रयास विफल रहे हैं। पिछले दिनों थाईलैंड से बस्तर आए मैना विशेषज्ञों ने अपना अभिमत रखा था कि जीवों के प्रजनन के लिए एकांत और कोलाहल विहीन स्थल की दरकार होती है। यह बात मैना के लिए भी लागू होती है। किरंदुल वालटेयर रेलवे लाइन और एनएच 30 के बीच वन विद्यालय में तैयार पिंजरा मैना संवर्धन के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि यहां दोनों और से शोर-शराबा होता है।

राव ने बताया कि वन विद्यालय बदले कांघाराउ क्षेत्र के कोटमसर, कांगेरधारा, दंडकगुफा या नागलसर के पास स्थल चयन कर मैना के लिए विशाल पिंजरा तैयार किया जाएगा। इसके लिए पार्क के अधिकारियों को प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया है। इस कार्य में लगभग 50 लाख रुपये खर्च होंगे।

प्रादेशिक

बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

Published

on

Loading

भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

Continue Reading

Trending