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बैंकों को इस साल अतिरिक्त पूंजी की आस कम : मूडीज

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चेन्नई | भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के तहत 2015 में काउंटर साइक्लिकल कैपिटल बफर (सीसीसीबी) के सक्रिय होने की उम्मीद नहीं है। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘मूडीज’ ने यह जानकारी दी। मूडीज के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में भारत का देसी ऋण/सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात लगातार बढ़ रहा है।

मूडीज के मुताबिक, हालांकि आरबीआई के ये दिशानिर्देश कर्जो के तेजी से बढ़ने की अवधि के दौरान बैंकों को पूंजी संरक्षित रखने और अपने बही-खातों को सामान्य रखने के लिए बाध्य करेंगे, जिससे बैंकों की कर्ज गुणवत्ता को लाभ होगा। हाल ही में आरबीआई ने बेसल -3 के नियमों के तहत बैंकों की बढ़ी हुई न्यूनतम पूंजी आवश्यकताओं के अनुरूप घाटा सहने के लिए एक अतिरिक्त आवरण के रूप में सीसीसीबी को बनाए रखने के दिशानिर्देश जारी किए हैं।

मूडीज के मुताबिक, ये दिशानिर्देश भारतीय बैंकों के कर्ज के लिए सकारात्मक हैं, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि कजोर्ं के तेजी से बढ़ने के बीच बैंकों को अतिरिक्त पूंजी अपने पास रखने की जरूरत होगी। आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, अपनी लंबी अवधि के रुझान के अनुसार, कर्ज/जीडीपी अनुपात बढ़ने से यह सीसीसीबी सक्रिय करने के लिए मुख्य उत्प्रेरक साबित होगा।

आरबीआई के मुताबिक, कर्ज/जीडीपी अनुपात के बीच का अंतर बढ़ने और लंबी अवधि का रुझान 15 प्रतिशत अंकों से अधिक जाने की स्थिति में बैंकों को पूर्ण 2.5 प्रतिशत बफर रखने की जरूरत होगी।  मूडीज के मुताबिक, कोर्पोरेट कर्ज भारतीय बैंकों के कुल कर्ज का 80 प्रतिशत है। इससे बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता नकारात्मक तरीके से प्रभावित हुई है, जिसका कारण कॉर्पोरट जगत द्वारा अधिक लाभ उठाया जाना और पारिवारिक कर्ज की परिसंपत्ति गुणवत्ता अपेक्षाकृत स्थाई रहना है।

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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