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बिहार : नीतीश के पक्ष में 130 विधायकों ने सौंपा समर्थन पत्र

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पटना| बिहार में जारी सत्ता संघर्ष के बीच नीतीश कुमार के समर्थक नेता रविवार को राजभवन पहुंचे और उन्होंने नीतीश समर्थक विधायकों की सूची सौंपी। समर्थन का पत्र सौंपने के बाद राजभवन से बाहर निकले जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि 130 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंप दिया गया है तथा उनसे मिलने का समय मांगा गया है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में वर्तमान सदस्यों की संख्या 233 है। इसमें बहुमत के लिए कम से कम 117 विधायकों का समर्थन चाहिए।

जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की अगुवाई में कांग्रेस के विधायक दल के नेता सदानंद सिंह, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता जितेन्द्र नाथ सिंह राजभवन पहुंचे और विधायकों की सूची सौंपी। राज्यपाल हालांकि अभी कोलकाता में हैं और उनके सोमवार को पटना पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि राजद, कांग्रेस और भाकपा के विधायकों के अलावा दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा गया है।

वशिष्ठ नारायण ने कहा कि राज्यपाल को पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में नीतीश कुमार को नया नेता चुने जाने की भी जानकारी दे दी गई। सिंह ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष शरद यादव की ओर से मांझी को पत्र लिखकर विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने तथा नीतीश कुमार को नया नेता चुने जाने की सूचना दे दी गई है। जद (यू) महासचिव क़े सी़ त्यागी ने भी रविवार को फोन पर बताया कि नीतीश कुमार के साथ 130 विधायकों का समर्थन है। विधानसभा में राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने कहा कि राजद ने पूर्व में भी जद (यू) सरकार को मुद्दों के आधार पर समर्थन दिया था न कि किसी व्यक्ति को। अब जद (यू) विधायक दल ने नीतीश कुमार को नया नेता चुन लिया है तो पार्टी उन्हीं को समर्थन दे रही है।”

इस बीच, मांझी समर्थक मंत्री विनय बिहारी का कहना है कि मांझी के पास बहुमत है। उन्होंने दावा किया शनिवार को विधायक दल की बैठक में शामिल हुए कई विधायक भी उनके संपर्क में हैं। गौरतलब है कि जद (यू) के 20 मंत्रियों ने शनिवार रात राजभवन जाकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था।

जद (यू) के वरिष्ठ नेता और नीतीश समर्थक माने जाने वाले श्याम रजक ने बताया कि नीतीश समर्थक 20 मंत्री राजभवन जाकर सामूहिक इस्तीफो सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों के इस्तीफे का फैसला पार्टी विधायक दल की बैठक में ही हो गया था। इस बीच मुख्यमंत्री मांझी दिल्ली चले गए हैं और शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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