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बाराबंकी में डीएम ऑफिस के सामने किसान ने फांसी लगाई

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बाराबंकी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिला मुख्यालय में रविवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने पेड़ में फांसी लगाकर एक किसान ने जान दे दी। इस घटना से जिले में सनसनी फैल गई और सभी आला अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। जिलाधिकारी का कहना है कि “मृत किसान ने पहले अपनी जमीन बेचने के लिए रुपये ले लिए थे, अब वह जमीन नहीं बेचना चाह रहा था, जिससे वह तनाव में था।”

नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी की रैली में राजस्थान के किसान गजेन्द्र सिंह द्वारा फांसी लगाए जाने का मामला अभी ठंड़ा भी नहीं पड़ा था कि बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ तहसील के रहने वाले किसान आशाराम ने रविवार सुबह जिलाधिकारी कार्यालय के सामने कलेक्ट्रेट तिराहे में एक पेड़ पर चढ़कर अपने गमछे से फांसी लगाकर जान दे दी। जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र ने बताया कि मृतक ने पहले गांव के एक व्यक्ति से अपनी जमीन बेचने के एवज में रुपये ले लिए थे, अब वह नहीं बेचना चाह रहा था। जिससे वह काफी तनाव में था। बकौल जिलाधिकारी, “आत्महत्या की यही वजह हो सकती है, फिर भी पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।”

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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