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मुख्य समाचार

किसानों की खुदकुशी रोकने के लिए गलत दिशा में जा रही सरकार: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को देश में किसानों की खुदकुशी की घटना को रोकने के लिए केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीडि़त परिवारों को मुआवजा प्रदान करना इसका वास्तविक समाधान नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस.केहर, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एस.के.कौल की सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि किसानों की खुदकुशी का मुद्दा ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ है और आश्चर्यजनक है कि सरकार ने इन खुदकुशियों के पीछे के कारणों का समाधान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जबकि यह कई दशकों से होता आ रहा है।

पीठ ने कहा कि वह दुखी है और दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि किसान फसल खराब होने और बकाए कृषि ऋण का भुगतान न कर पाने के कारण खुदकुशी कर रहे हैं। पीठ ने अप्रसन्नता जताते हुए कहा, “हमें लगता है कि आप (सरकार) गलत दिशा में जा रहे हैं। किसान बैंक से ऋण लेते हैं और जब उसे अदा कर पाने में अक्षम हो जाते हैं, तो खुदकुशी कर लेते हैं। इसका समाधान किसानों की खुदकुशी के बाद उनके परिजनों को मुआवजा देना नहीं है, बल्कि इन घटनाओं को रोकने के लिए आपको योजना बनानी चाहिए।”

केंद्र सरकार ने न्यायालय से कहा कि उसने किसानों के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है और साल 2015 में लाई गई कृषि बीमा योजना से इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में तेजी से कमी आई है।

न्यायालय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) रिसोर्स एंड एक्शन एंड इनिशिएटिव द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें गुजरात में कर्ज में डूबने के बाद खुदकुशी करने वाले किसानों के परिजनों को मुआवाजा देने की मांग की गई है।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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