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आध्यात्म

बच्चों में पढ़ने का जुनून पैदा करेगा गुरुग्राम चिल्ड्रेन्स लिटरेचर फेस्टिवल

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गुरुग्राम, 21 जनवरी (आईएएनएस)| बच्चों और पैरेंट्स में पढ़ने के प्रति जुनून पैदा करने के लिए वेगा स्कूल्स बच्चों के लिए अपने फ्लैगशिप लिटरेचर फेस्ट का दूसरा संस्करण 20 और 21 जनवरी आयोजित की जा रही है।

गुरुग्राम चिल्ड्रेन्स लिटरेचर फेस्टिवल (जीसीएलएफ) गुरुग्राम में पहला और अकेला लिट फेस्ट है जो बच्चों में अच्छा साहित्य पढ़ने की जागरूकता ला रहा है और अलग-अलग माध्यमों से कहानियों का लुत्फ उठाने में मदद कर संभावनाओं की नई दुनिया के दरवाजे खोल रहा है।

जीसीएलएफ-2018 के पहले दिन शनिवार को जानेमाने लेखक और टिप्पणीकार गुरचरण दास ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए अपने लाइफ चेंजिंग लेशंस के जरिए बताया कि कैसे बच्चों में साहित्य के प्रति जागरूकता पैदा करें। लिट फेस्ट में साहित्य जगत और कहानी कथन की दुनिया से जुड़े प्रतिभाशाली लोग भाग ले रहे हैं।

वेगा स्कूल्स के सह-संस्थापक सैंडी हुड्डा ने कहा, जीसीएलएफ जैसे कार्यक्रम बच्चों के विकास और शिक्षा में बेहतरीन योगदान दे सकते हैं। लेखक जो अपनी शानदार किताबों के जरिए बच्चों को ज्ञान की दुनिया दिखाते हैं और पढ़ने और सीखने के प्रति लगाव पैदा करते हैं उनको जीसीएलएफ लेकर आया है।

जीसीएलएफ 2018 में अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिए सत्र आयोजित किए जा रहे हैं जैसे 3-6 वर्ष, 7-9 वर्ष और 10 से 12 वर्ष आयु वर्ग।

फेस्टिवल के पहले दिन अलग-अलग फॉर्म में अलग-अलग आयु वर्ग के लिए स्टोरी टेलिंग के सत्र आयोजित किए गए। इसमें म्यूजिक, डांस, ड्रामा, रीडिंग और राइटिंग और कठपुतलियों के जरिए स्टोरी टेलिंग शामिल है। स्टोरी टेलिंग के अलावा क्रिएटिव वर्कशॉप्स और आर्ट एंड क्राफ्ट संबंधी एक्टिविटीज, रीडिंग और राइटिंग पर कार्यशालाएं आयोजित की गईं।

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आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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