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प्रादेशिक

बंगाल : स्थानीय निकाय चुनाव में छिटपुट हिंसा

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कोलकाता| पश्चिम बंगाल में 91 स्थानीय निकायों के लिए शनिवार को कराए जा रहे चुनाव में छिटपुट हिंसा हुई है। एक अधिकारी ने बताया कि प्रथम दो घंटे में करीब 16 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।

राज्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, “प्रथम दो घंटे में करीब 16 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। हमें हिंसा की कुछ खबरें मिली हैं और हमारी उस पर नजर है। अब तक कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है।”

दो नगरनिगमों (सिलिगुड़ी और चंदननगर), 88 नगरपालिकाओं तथा एक अधिसूचित इलाके में स्थित 1,946 वार्डो के लिए कराए जा रहे चुनाव में 7,636 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके लिए करीब 74 लाख मतदात अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

मतदान के लिए कुल 8,756 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जिसमें से 2,318 संवेदनशील और 2,142 अत्यधिक संवेदनशील घोषित किए गए हैं।

सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों, केंद्रीय सुरक्षा बलों की 35 टुकड़ियों को तैनात किया गया है।

चुनाव के नतीजे 28 अप्रैल को घोषित होंगे।

नेशनल

जेल से रिहा हुए बाहुबली धनंजय सिंह, बोले- पत्नी के लिए करूंगा प्रचार

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लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को बुधवार की सुबह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहा होने के बाद बाहर आते ही उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। अपने विरोधी अभय सिंह के बारे में सवाल पूछे जाने पर धनंजय ने थोड़ा नाराज होते हुए कहा कि आप लोग अपराधियों के बारे में बात मत करिए।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन उनकी रिहाई में देरी हो रही थी। हालांकि, बुधवार की सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के वक्त धनंजय सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। कई गाड़ियों के काफिले के साथ धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से जौनपुर के लिए रवाना हो गए हैं। जेल से रिहा होने के बाद धनंजय सिंह ने प्रेस से बात भी की। उन्होंने कहा कि 2020 में मेरे खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि मैं सीधे जौनपुर जाऊंगा।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट से फौरी तौर पर बड़ी राहत मिली है। यानी उनकी सजा पर कोई रोक नहीं है। 27 अप्रैल को हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाए गए 7 साल की सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया। धनंजय सिंह के वकीलों ने कहा है कि अब सजा के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।

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