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अन्तर्राष्ट्रीय

फीफा के 2 उपाध्यक्ष, 12 अन्य अधिकारी अमेरिकी जांच के घेरे में

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न्यूयार्क,अमेरिकी न्याय विभाग, फुटबाल की विश्व नियामक,स्विट्जरलैंड, फीफा अध्यक्ष पद

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न्यूयार्क | अमेरिकी न्याय विभाग ने फुटबाल की विश्व नियामक संस्था फीफा के 14 अधिकारियों के खिलाफ ठगी, लेन-देन में धोखाधड़ी और मनी लांडरिंग के आरोप में मामला शुरू किया है। इनमें से सात अधिकारियों को बुधवार को स्विट्जरलैंड से गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें फीफा के दो उपाध्यक्ष भी शामिल हैं। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ब्रुकलिन स्थित संघीय न्यायालय ने अधिकारियों को 47 मामलों में आरोपित किया है तथा इस मामले में जारी जांच का यह आखिरी चरण नहीं है।

एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमी ने न्यूयार्क में एटॉर्नी जनरल लोरेटा लिंच के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन 14 अधिकारियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए हैं, उनमें से सात अधिकारियों को स्विस अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। लिंच ने कहा, “उन्होंने अपने-अपने संगठनों में अपने पदों की विश्वसनीयता का दुरुपयोग करते हुए स्पोर्ट्स कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें बदले में अपने टूर्नामेंटों के वाणिज्यिक अधिकार दिए।” पत्रकारों द्वारा जोर दिए जाने के बावजूद लिंच ने फीफा अध्यक्ष सेप ब्लाटर के खिलाफ संभावित कार्रवाई के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। गौरतलब है कि ब्लाटर पर कोई आरोप नहीं है और वह लगातार पांचवीं बार फीफा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े हैं। गिरफ्तार होने वालों में शामिल दोनों उपाध्यक्षों में एक उरुग्वे फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष यूजेनियो फिगुएरेडो और दूसरे कोंकाकैफ के अध्यक्ष जेफ्री वेब हैं।

अन्य गिरफ्तार अधिकारियों में कोस्टारिका फुचबाल महासंघ के अध्यक्ष और कोनकाकैफ के कार्यकारी सदस्य एडुआडरे ली, ब्राजीलियाई फुटबाल महासंघ (सीबीएफ) के पूर्व अध्यक्ष जोस मारिया मारिन और मध्य अमेरिकी फुटबाल संघ और निकारागुआ फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष जुलियो रोचा शामिल हैं। गिरफ्तार होने वाले दो अन्य फुटबाल अधिकारी हैं कैमैन आइलैंड फुटबाल संघ के महासचिव और कोनकाकैफ के में वरिष्ठ पदस्थ ब्रिटेन के कोस्तास टक्कास तथा वेनेजुएला फुटबाल महासंघ के अध्यक्ष राफेल एस्क्विवेल शामिल हैं।

अमेरिकी न्यायालय द्वारा आरोपित अधिकारियों में फीफा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कोनकैकाफ के पूर्व अध्यक्ष त्रिनिदाद एवं टोबैगो के जैक वार्नर भी शामिल हैं। फीफा अधिकारियों पर अमेरिकी द्वारा मामला चलाए जाने के औचित्य पर लिंच ने कहा कि चूंकि संदिग्ध अधिकारियों और उनके सहयोगी साजिशकर्ताओं ने साजिश अमेरिका में ही रची, रिश्वत की राशि के लेन-देन के लिए अमेरिकी बैंकों का उपयोग किया गया और तेजी से वृद्धि कर रहे अमेरिकी फुटबाल बाजार में प्रचार-प्रसार की अपनी योजनाओं के तहत लाभ कमाने की योजना बनाई गई।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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