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मोदी ने किया स्विट्जरलैंड का द्वितीय दौरा, महत्वपूर्ण फैसलों को मिलेगा नया आयाम

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्विट्जरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता से पहले मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, आपसी विकास के लिए संबंधों को प्रगाढ़ कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी ने हैदाराबाद हाउस में लिउथार्ड की अगवानी की।

दोनों नेताओं ने बाद में भारत और स्ट्विजरलैंड के कारोबारियों की बैठक में हिस्सा लिया।

भारत की चार दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं लिउथर्ड का इससे पहले राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया।

इसके बाद लिउथर्ड ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।

लिउथर्ड ने स्वागत समारोह के बाद कहा, मुझे उम्मीद है कि इस यात्रा से भारत-स्विट्जरलैंड के संबंध मजबूत होंगे। व्यापार को लेकर लंबित पड़ी परियोजनाएं पूरी होंगी। हम नया निवेश सुरक्षा समझौता करने की कोशिश करेंगे।

उन्होंने कहा, स्विट्जरलैंड दुनिया में सर्वाधिक नवाचार वाला देश है.. यह भारत में रोजगार लाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, लोकतंत्र के साझा मूल्यों पर आधारित दोस्ती। राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड का भव्य स्वागत।

स्विट्जरलैंड, भारत का सातवां सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार देश है। मर्चेडाइज एक्सपोर्ट्स, बुलियन व आईटी सेवाओं तथा सॉफ्टवेयर निर्यात सहित दोनों देशों का कुल व्यापार 2016-17 में 18.2 अरब डॉलर का रहा।

स्विट्जरलैंड ने अप्रैल 2000 से सितंबर 2016 के बीच भारत में लगभग 3.57 अरब डॉलर का निवेश किया। इस तरह यह यहां 11वां सबसे बड़ा निवेशक देश बन गया।

2013-14 और 2015-16 के बीच लगभग 100 भारतीय कंपनियों ने स्विट्जरलैंड में लगभग 1.42 अरब डॉलर का निवेश किया।

टीसीएस, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा सहित प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों के स्विट्जरलैंड में कार्यालय हैं।

मोदी ने जून 2016 में स्विट्जरलैंड का दौरा किया था और यह कई दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला स्विट्जरलैंड दौरा था।

स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपतियों ने इससे पहले 1998, 2003 और 2007 में भारत का दौरा किया था।

 

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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