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प्रधानमंत्री ने श्री एम को ‘वॉक ऑफ होप’ के लिए दी बधाई

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को समाज सुधारक और आध्यात्मिक नेता श्री एम को उनकी ‘वॉक ऑफ हॉप’ पदयात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “समाज सुधारक और आध्यात्मिक नेता के नेतृत्व में शांति और सामंजस्य के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की यात्रा सुबह गुजरात पहुंच गई है।”

इसके साथ उन्होंने कहा, “श्री एम के साथ फोन पर बातचीत की और मैंने उनकी ‘वॉक ऑफ हॉप’ के लिए उन्हें शुभकामनाएं दीं”मनाव एकता मिशन द्वारा आयोजित ‘वॉक ऑफ हॉप’ पदयात्रा 15 से 18 महीने तक की लंबी पदयात्रा है, जिसे श्री एम के नेतृत्व में 7,500 किलोमीटर के आसपास पूरा कर लिया गया है।

मानव एकता मिशन की स्थापना श्री एम ने की थी। जो मानवता की एकता की दिशा में काम करता है।

‘वॉक ऑफ हॉप’ को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले से गांधी मेमोरियल मंडपम से स्वामी विवेकानंद की पर 12 जनवरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।

 

नेशनल

अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात

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अमेठी। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, “मेहमानों का स्वागत है। हमलोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इतना ही कह दूं कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो तो वे यहां से लड़ते।

वहीँ इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं।

वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ”राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है।

उन्होंने लिखा है,” इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘रंपरागत सीट’की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।

उन्होंने लिखा है, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

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