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प्रख्यात पत्रकार विनोद मेहता का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक
नई दिल्ली। देश के जाने-माने पत्रकार ‘आउटलुक’ पत्रिका के संस्थापक संपादक विनोद मेहता का रविवार को दिल्ली एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेहता को बेहतरीन पत्रकार बताया है। आउटलुक पत्रिका ने ट्विटर पर उनके निधन की पुष्टि की है।
73 वर्षीय मेहता का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। यह जानकारी अस्पताल के प्रवक्ता अमित गुप्ता ने दी। एम्स के मुताबिक, मेहता को न्यूरोलॉजी संबंधित समस्याएं थीं और तीन-चार महीने से वह बिस्तर पर थे। उनकी हालत बेहद खराब हो जाने के कारण उन्हें पिछले सप्ताह एम्स में भर्ती कराया गया था। आउटलुक पत्रिका के ट्वीट के अनुसार, “समूह बेहद दुख के साथ अपने संस्थापक प्रधान संपादक और संपादकीय विभाग के अध्यक्ष विनोद मेहता के निधन की पुष्टि करता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, “अपने विचारों को लेकर स्पष्ट विनोद मेहता को बेहतरीन पत्रकार और लेखक के रूप में याद किया जाएगा। उनके निधन पर मैं उनके परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर करता हूं।” केंद्रीय गृह मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं अपनी हार्दिक शोक संवेदना प्रकट करता हूं.. उनके निधन ने पत्रकारिता के क्षेत्र में बड़ी शून्यता पैदा कर दी है।”
मेहता का जन्म देश के विभाजन से पूर्व रावलपिंडी में हुआ था। उनका परिवार विभाजन के बाद भारत चला आया था, उस वक्त वह सिर्फ तीन साल के थे। उनका पालन-पोषण लखनऊ में हुआ है। उन्होंने लामाटीनियर स्कूल और लखनऊ विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी। उनकी जिंदगी में बड़ा क्षण 1974 में उस समय उपस्थित हुआ, जब 32 साल की उम्र में उन्होंने भारत में पुरुषों की पत्रिका ‘डेबोनायर’ के संपादन का काम शुरू किया। इसके बाद उन्होंने ‘संडे ऑब्जर्वर’, ‘द पायोनियर’ और ‘आउटलुक’ जैसी सफल पत्र-पत्रिकाएं शुरू की। उन्होंने ‘इंडियन पोस्ट’ और ‘द इंडिपेंडेंट’ समाचार पत्र की भी स्थापना की। मेहता ने बॉलीवुड अभिनेत्री मीना कुमारी और दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की जीवनी भी लिखी। उनका संस्मरण ‘लखनऊ बॉय’ 2011 में प्रकाशित हुआ था।
नेशनल
दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी
नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।
वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।
स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।
नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”
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