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पीएम मोदी के सूट की बोली का आज आखिरी दिन 1.85 रुपये तक पहुंची

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अहमदाबाद। नरेंद्र मोदी के विवादित सूट की नीलामी में बोली की रकम लगातार बढ़ रही है। आज उद्योगपति राजेश भाई ने 1.85 करोड़ की बोली लगाई है।और लवजी भाई और जयंतीभाई ने इसके लिए 1.81 करोड़ की बोली लगाई। लेकिन धीरे-धीरे इस बोली के नए आयाम सामने आ रहे हैं और विवाद भी अब बोली के साथ जुड़ते जा रहे हैं। इस नीलामी का आज आखिरी दिन है, देखना होगा कि यह सूट कितने में बिकता है।

बुधवार से ही बोली के साथ जुड़नेवाले ज़्यादातर लोग बीजेपी के कार्यकर्ता होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में ऐसा लगाने लगा है कि मोदी को लुभाने की यह पार्टी कार्यकर्ताओं की कोशिश तो नहीं है। बुधवार की सबसे बड़ी बोली लगाई थी सूरत के टेक्सटाइल उद्योगपति राजेश जुनेजा ने, उन्होंने भी उनकी मोदी से करीब होने की बात कही थी। देखें तो 11 लाख रुपये की पहली बोली लगानेवाले पंकज माहेश्वरी मोदी से जुड़े रहे हैं। उसके बाद 51 लाख रुपये की बोली लगाने वाले राजू अग्रवाल तो खुद बीजेपी के पूर्व पार्षद हैं और बीजेपी के नेता भी। उनसे आगे बढ़कर 1 करोड़ की बोली लगानेवाले सुरेश अग्रवाल की भी मोदी के साथ तस्वीरें सामने आई हैं।

गुरुवार को जब नीलामी दोबारा शुरू हुई तो सबसे पहली 1.25 करोड़ की बोली लगाई राजेश माहेश्वरी ने जो ग्लोबल फ्रेंड्स ऑफ़ मोदी संस्था चलते हैं। फिर बारी आई मुकेश पटेल की, जो सूरत में ही हीरे का व्यापार करते हैं और कंस्ट्रक्शन का कारोबार चलाते हैं। पटेल ने 1.39 करोड़ की बोली लगाई। इनकी भी मोदी के साथ तस्वीरें आईं। इनकी मोदी के साथ तस्वीरें उनके प्रधानमंत्री निवास 7 आरसीआर पर भी आईं, जिससे उनकी मोदी से करीबी का अंदाजा लगता है।

गौरतलब है कि मोदी की बंद गले का सूट पहने हुए तस्वीर सामने आई थी। इस चित्र को करीब से देखने पर इसकी धारियों पर छोटे अक्षरों में नरेन्द्र दामोदरदास मोदी लिखा हुआ पाया गया था। इस सूट को लेकर राष्ट्रीय बहस छिड़ गई थी और प्रधानमंत्री के राजनीतिक विरोधियों -विशेषकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी- ने महंगा सूट पहनने को लेकर उन पर निशाना साधा था। कुछ खबरों में इस सूट की कीमत करीब 10 लाख रुपये बताई गई थी।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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