Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

पीएम मोदी के बयान को माकपा ने चुनौती दी

Published

on

माकपा

Loading

नई दिल्ली। मार्क्सलवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने गुरुवार को आधिकारिक आंकड़े पेश कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए बयान को चुनौती दी। संसद में दिए बयान में मोदी ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में 34 साल तक वाम मोर्चे के शासन के दौरान राज्य को आर्थिक रूप से काफी क्षति पहुंची। मोदी ने दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के 34 साल के शासन के बाद अब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को आर्थिक रूप से बर्बाद सत्ता विरासत में मिली है।

माकपा की पत्रिका ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के संपादकीय में ससंद में मोदी के वाम विरोधी टिप्पणी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा की उपज कहा है। मोदी ने संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्षी पार्टियों पर विशेष रूप से 1977 से 2011 के दौरान पश्चिम बंगाल में सत्ता में रही माकपा और वाम मोर्चे पर हमला किया था।

माकपा के संपादकीय में कहा गया कि वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन (एनएसएसओ) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वाम शासन के आखिरी दौर में औद्योगीकरण के मामले में पश्चिम बंगाल देश में चौथे स्थान तक पहुंच गया था। “इसके मुकाबले गुजरात का विकास मॉडल सातवें स्थान पर ही था।” बड़े और मझोले उद्योगों के संदर्भ में 65,686 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 1992 से 2000 के बीच 2,531 नई औद्योगिक इकाइयों से उत्पादन शुरू हुआ। “इससे 2.98 लाख प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा हुए, जो अप्रत्यक्ष रोजगार के मुकाबले दोगुने हैं।”

पत्रिका में आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देकर यह भी कहा गया कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा शासन के तहत मध्यम और छोटे उद्यमों (एमएसई) में सर्वाधिक विस्तार हुआ। एनएसएसओ के मुताबिक, “पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा सरकार के तहत 2005 से 20011 के दौरान देश में 40 प्रतिशत से अधिक विनिर्माण रोजगारों का सृजन हुआ।” “देशभर में 58.7 लाख से अधिक विनिर्माण रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। इस दौरान 24 लाख रोजगार के अवसर पश्चिम बंगाल में थे, जबकि गुजरात में सिर्फ 14.9 लाख रोजगार ही रहे।” संपादकीय में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा सरकार के 34 साल की सत्ता के दौरान देश में सभी राज्यों की तुलना में यह चावल और सब्जियों के उत्पादन में शीर्ष पर रहा।

उत्तर प्रदेश

देवरिया में डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद के बाद पुजारी की पीट-पीटकर हत्या, इलाके में फैला तनाव

Published

on

Loading

देवरिया। देवरिया जिले में डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद के बाद मंदिर के एक पुजारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। सुरक्षा के लिहाज से इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि घटना मंगलवार रात तेनुआ चौबे गांव में हुई। इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस अधीक्षक (एसपी) संकल्प शर्मा ने कहा, “मृतक पुजारी की पहचान अशोक चौबे (60) के रूप में हुई है। अशोक चौबे को उन लोगों ने लाठियों से पीटा, जिनके साथ उनका डीजे बजाने को लेकर विवाद हुआ था।

उन्होंने आगे कहा कि पुजारी अशोक चौबे को गंभीर हालत में इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने हौसला पासवान समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया है। एसपी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए गांव और मंदिर में पुलिस बल तैनात किया गया है।

Continue Reading

Trending