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पंजाब में सरकारी फरमान, खूब खाएं आलू

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चंडीगढ़| पंजाब और उसके पड़ोसी राज्य अगले कुछ सप्ताह अपने भोजन में आलू का अत्यधिक उपभोग कर सकते हैं। वजह है, इस वर्ष आलू की बंपर फसल होना। राज्य में आलू के अत्यधिक उत्पादन को देखते हुए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अधिकारियों को सरकारी योजनाओं के तहत वितरित होने वाले भोजन में आलू का अधिक से अधिक उपयोग करने का निर्देश दिया है। पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार के निर्देश के बाद राज्य के 16 लाख स्कूली छात्रों के बीच वितरित होने वाले मध्याह्न भोजन में आलू के उपयोग को बढ़ाया जा सकता है। पंजाब में एक ओर जहां बेमौसम बारिश के कारण किसानों को गेहूं का उत्पादन बेहद कम रहने की आशंका है, वहीं दूसरी ओर आलू पैदा करने वाले किसानों को इसके अत्यधिक उत्पादन से घाटा भी सहना पड़ सकता है।

पंजाब में मौजूदा सीजन में 22.6 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ है। देश के दूसरे राज्यों में भी आलू का उत्पादन अच्छा रहने से पंजाब के किसानों को घाटा हो सकता है। पंजाब में सतलज और ब्यास नदियों के बीच की बेहद उपजाऊ इलाके में इस वर्ष आलू की बंपर फसल हुई है। आलू के अत्यधिक उत्पादन के कारण थोक बाजार में इसकी कीमत काफी गिर गई है। पिछले वर्ष जहां आलू का थोक भाव 1,000 रुपये प्रति क्विंटल था, वहीं इस बार 200 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। आलू के बीज की कीमतों में भी 50 से 60 फीसदी की गिरावट आई है। पंजाब सरकार ने इसे देखते हुए सरकारी एजेंसियों, मार्कफेड और पंजाब मंडी बोर्ड को आलू की बिक्री में किसानों की मदद करने के लिए कहा है।

मुख्यमंत्री ने मार्कफेड से किसानों से आलू की खरीद करने और अन्य राज्यों को आलू बेचने में किसानों की मदद करने के लिए कहा है। निकटवर्ती देशों को आलू की इस अत्यधिक उपज का निर्यात करने की दिशा में भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “अन्य देशों को निर्यात होने पर मार्कफेड ढुलाई भाड़े में 200 रुपये प्रति क्विंटल की तथा दूसरे राज्यों को होने वाली बिक्री में 50 रुपये प्रति क्विंटर की छूट देगा।” सरकार ने राज्य से आलू खरीदने पर बाजार शुल्क एवं ग्रामीण विकास शुल्क में 30 अप्रैल तक दो से 0.25 फीसदी तक कम करने पर सहमति जताई है। किसानों का कहना है कि उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा कि वे अपने आलू गिरी हुई कीमतों पर ही बेचकर घाटा उठाएं या अभी अपने उत्पाद शीत भंडारगृहों में रख दें और बाद में कीमतें स्थिर होने पर बेचें।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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