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न बेचें अपना स्मार्टफोन, डेटा हो सकता है चोरी

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लंदन | अगर आप अपने पुराने स्मार्टफोन से ऊब गए हैं और नया मोबाइल खरीदने से पहले उसे बेचना चाहते हैं तो आपके लिए एक चेतावनी है। वास्तव में आपके पुराने फोन से भी आपके यूजर डेटा चोरी हो सकते हैं। वेबसाइट ‘टेकवीकयूरोप डॉट को डॉट यूके’ के अनुसार, कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए ताजा अध्ययन में पाया गया है कि एंड्रॉयड पर चलने वाले पुराने फोन से उसके पुराने मालिक के डेटा हासिल किए जा सकते हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि स्मार्टफोन को भले ही पूरी तरह डिस्क एनक्रिप्शन के जरिए सुरक्षित किया गया हो, उसके बावजूद ऐसे डेटा हासिल किए जा सकते हैं। एंड्रॉयड पर चलने वाले अधिकांश स्मार्टफोन में यूजर डेटा, जिसमें एक्सेस टोकेन, संदेश, चित्र और अन्य सामग्री डीलीट करने का विकल्प सहज नहीं होता। तकनीकी विशेषज्ञ भी अबतक इसे लेकर चिंता जताते रहे हैं कि स्मार्टफोन से यूजर डेटा डीलीट करना बेहद कठिन होता है। अध्ययनकर्ताओं ने एंड्रॉयड पर चलने वाले पांच कंपनियों के 21 सेकेंड हैंड स्मार्टफोन का परीक्षण किया, जिनके सारे डेटा फैक्टरी रीसेट सेटिंग द्वारा डीलीट कर दिए गए थे।

शोधकर्ता इसके बावजूद उन स्मार्टफोन से लॉगइन की जानकारी तथा मल्टीमीडिया फाइलों को रिकवर करने में सफल रहे। यहां तक कि कुछ मोबाइल से तो जीमेल और गूगल कैलेंडर के खातों की जानकारी तक फिर से निकाल ली गई। गूगल खातों में लॉगइन करने के लिए जरूरी मास्टर टोकेन 80 फीसदी फोन में दोबारा हासिल कर लिए गए।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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