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अन्तर्राष्ट्रीय

न्यूजीलैंड इराक में सैन्य तैनाती पर चर्चा करेगा

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वेलिंगटन| न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री मुरे मैक्कु ली इराक में आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से मुकाबले के लिए सैन्य सहयोग पर चर्चा करने के लिए बगदाद के लिए रवाना हो गए हैं। मैक्कु ली ने अपने कार्यालय द्वारा मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि वह इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी तथा विदेश मंत्री इब्राहिम अल-जाफरी से बातचीत करेंगे।  समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मैक्कु ली ने कहा, “आईएस के खतरों के मद्देनजर, न्यूजीलैंड इराक का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसे कानून का पालन करने वाला तथा एक लोकतांत्रिक देश बनाना है।” उन्होंने कहा, “न्यूजीलैंड अबतक आईएस की गतिविधियों के कारण इराक तथा सीरिया में विस्थापित होने वाले लोगों के बीच मानवीय सहायता पहुंचाने में योगदान कर रहा है।”
बयान के मुताबिक, “प्रधानमंत्री (जॉन की) ने फरवरी में इराक में सैन्य प्रशिक्षण मिशन तैनात करने की एक योजना की घोषणा की थी। मेरा दौरा उस तैनाती योजना और हमारे रक्षाकर्मियों को किस प्रकार उपयुक्त कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित हो, इसके बारे में सरकार से वार्ता का एक मौका उपलब्ध कराएगा।” चर्चा के परिणामों को मैक्कुली वापस प्रधानमंत्री जॉन की तथा कैबिनेट के अन्य सहयोगियों से साझा करेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने जॉन की ने एक विवादित फैसले की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने आईएस से मुकाबले के लिए न्यूजीलैंड के 143 सैनिकों को इराक भेजने की बात कही थी।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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