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नेपाल के साथ भारत के संबंध अटूट : जयशंकर

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काठमांडू | दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को काठमांडू पहुंचे भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा कि उनकी यह यात्रा नेपाल के साथ भारत के संबंधों के महत्व को दर्शाती है। दक्षेस यात्रा पर काठमांडू पहुंचे जयशंकर नेपाल के राष्ट्रपति राम बरन यादव, प्रधानमंत्री सुशील कोईराला, संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाष चंद्र नेमबांग और विदेश मंत्री महेंद्र बहादुर पांडे के साथ बातचीत करेंगे।

काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचे जयशंकर ने कहा, “दक्षेस यात्रा के दौरान इस खुबसूरत शहर में घूमना अत्यंत सुखद है। मेरी यह यात्रा हमारी सरकार के नेपाल के साथ संबंधों के महत्व को दर्शाती है।” जयशंकर नेपाल में अपने समकक्ष शंकर दास बैरागी से मिल कर उनके साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की चर्चा करेंगे, जिससे जुलाई 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दो दिवसीय यात्रा के दौरान संबंधों में आई गर्मजोशी को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। वह नेपाल की प्रमुख पार्टियों के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करेंगे, जिनमें सत्तारूढ़ नेपाल कांग्रेस, नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी यूनिफाइड मार्किस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और विपक्षी पार्टी यूनिफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवाद (यूसीपीएन-एम) शामिल हैं।

जयशंकर ने कहा, “मैं पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक नेपाल यात्रा के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग में आई तेजी को जारी रखने की उम्मीद करता हूं।” “नेपाल के वरिष्ठ राजनीतिक नेतृत्व का आह्वान करना और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ बातचीत करना मेरा सौभाग्य होगा।” जयशंकर ने कहा कि ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति के तहत भारत नेपाल के साथ अपने बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जयशंकर द्वारा दक्षेस सदस्य देशों की यात्रा करने का यह दूसरा चरण है। इससे पहले उन्होंने एक मार्च को भूटान का दौरा किया था। उन्होंने तीन मार्च को पाकिस्तान और चार मार्च को अफगानिस्तान की यात्रा की थी।

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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