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नए साल में कई छुट्टियों पर चलेगी शनिवार-रविवार की तलवार

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govt-employee leaveलखनऊ। रविवार से शुरू होने वाला और रविवार के दिन ही खत्म हाने वाला नया साल 2017 छुट्टी से लिहाज से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सुखदायी नहीं होगा। कारण यह कि वर्ष 2017 में करीब 12 सार्वजनिक अवकाश ऐसे हैं, जो शनिवार या रविवार को पड़ रहे हैं।

यही नहीं, बैंकों की वार्षिक लेखाबंदी का दिन पहली अप्रैल भी शनिवार को पड़ रहा है। हालांकि दशहरा, दिवाली और होली कर्मचारियों को खुश करने वाले होंगे, क्यों जहां दशहरा और दिवाली पर लगातार चार दिन अवकाश मिलेगा। वहीं होली पर भी तीन दिन लगातार छुट्टी मिलेगी।

यूं तो वर्ष 2017 अपने साथ कुल 40 सार्वजनिक और 17 र्निबधित अवकाश थे, पर सरकार द्वारा जारी कैलेंडर में अगले वर्ष सार्वजनिक अवकाश 38 (नेगोशिएबुल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत कुल 23) व 16 र्निबधित अवकाश होंगे।

वहीं सचिवालय, विभागाध्यक्ष व अन्य ऐसे कार्यालय जहां पांच दिवसीय सप्ताह होते हैं, वहां नववर्ष में 38 में 26 छुट्टियां ही मिलेंगी, क्योंकि शेष 12 सार्वजनिक अवकाश शनिवार व रविवार को पड़ रहे हैं। इनमें से 12 मार्च को पडऩे वाली होलिका दहन है, नौ अप्रैल की महावीर जयंती, 17 सितंबर की विश्वकर्मा जयंती, एक अक्टूबर को पडऩे वाला मोहर्रम सभी रविवार को हैं।

इसी प्रकार आठ अप्रैल को चेटी चंद्र, 2 सितंबर को बकरीद, 30 सिंतबर को दशहरा, 21 अक्टूबर को भैयादूज, चार नवंबर को गुरु नानक जयंती, दो दिसंबर को बारावफात व ईद-ए-मिलादुन्नवी व 23 दिसंबर को चौधरी चरण सिंह जयंती शनिवार को पड़ेगी।

वहीं सार्वजनिक अवकाश की सूची में 14 अप्रैल को जहां अंबेडकर जयंती है वहीं गुड फ्राइडे व हजरत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती का उर्स भी उसी दिन है। इसी तरह 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के साथ ही जन्माष्ठमी पड़ रही है। ऐसे में चार के बजाय कर्मियों को दो ही सार्वजनिक अवकाश मिलेंगे।

हालांकि इस वर्ष 2017 में कुछ मौके ऐसे भी होंगे, जहां लगातार तीन या चार छुट्टियां साथ मिलेगी। जैसे 11 मार्च को माह का दूसरा शनिवार, 12 मार्च रविवार को होलिका दहन और 13 मार्च को होली होने के चलते सभी को तीन दिन का लगातार अवकाश मिलेगा।

इसी प्रकार 29 सितंबर शुक्रवार को महानवमी व 30 को विजयादशमी के साथ पहली अक्टूबर को मोहर्रम और दो अक्टूबर को गांधी जयंती एक के बाद एक पडऩे से लगातार चार दिन छुट्टी मिलेगी। इसी तरह 19 अक्टूबर गुरुवार को दीपावली, 20 को गोवर्धन पूजा, 21 को भैयादूज तथा 22 को रविवार होने से फिर एक बार कर्मचारी चार छुट्टियों का मजा एक साथ उठा सकेंगे।

इसके अलावा 24 फरवरी की महाशिवरात्रि, 14 अप्रैल की अंबेडकर जयंती, 28 अप्रैल की परशुराम जयंती व 23 जून की अलविदा नमाज शुक्रवार को पड़ेगी, जिससे जिन कार्यालयों में सप्ताह में पांच दिन काम होता वहां शनिवार-रविवार के साथ तीन दिन की छुट्टी मिल जाएगी। इसी तरह सोमवार 17 अप्रैल को चंद्रशेखर जयंती, 26 जून को ईद-उल-फितर, सात अगस्त को रक्षाबंधन व 25 दिसंबर क्रिसमस-डे होने से भी पांच दिवसीय कार्यालय वाले कर्मियों को लगातार तीन दिन अवकाश मिल सकेगा।

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सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं

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मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।

वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।

राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।

 

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