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नए शहर में बसने में मदद करेंगे ये एप

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गजल गुप्ता

नई दिल्ली। अगर आप किसी शहर में नए हैं और अभी भी यहां टिकने के लिए साधनों की तलाश में हैं, तो कुछ नए स्मार्टफोन एप मददगार साबित हो सकती हैं।

‘टाइम्ससेवर्ज’, ‘पेपरटैप’ ओर ‘अर्बनक्लैप’ जैसी स्मार्टफोन एप एटीएम, किराने का समान, घर की फिटिंग करनेवाले और निकटवर्ती ड्राईक्लीनर और प्लंबर का पता बताकर नए शहर में बसने में आप की मदद कर सकता है। ‘पेपरटैप’ की मदद से घर बैठे एक क्लिक करके आप ताजे फल-सब्जियां और किराने का सामान खरीद सकते हैं। ‘अर्बनक्लैप’ एप की मदद से विश्वस्नीय सेवा पेशेवरों से जुड़ सकते हैं।
‘टाइम्जसेवर्ज’ के जरिए सफाई से लेकर हर तरह की मरम्मत और घर से जुड़े कामों में आपको मदद मिल सकती है।

नवंबर, 2014 में शुरू हुई पेपरटैप सबसे तेज स्थानीय किराना समान आपूर्ति सेवा है, जो आपको कहीं भी, कभी भी किराने का सामान उपलब्ध कराती है। इस समय यह सेवा पूरे गुड़गांव में उपलब्ध है। यह तेजी से विस्तार कर रही है। पेपरटेप की सह संस्थापक नवनीत सिंह ने बताया, “किराने का सामान खरीदने में खासतौर से सप्ताहांत के दौरान मेरा समय बेकार होता था। मैं हमेशा सोचती थी कि इसका कोई उपाय होना चाहिए।” यहां उपभोक्ता अपने आर्डर एप के माध्यम से करते हैं और दो घंटों के अंदर उन्हें सामान पहुंचा दिया जाता है।

ऐप एंड्रॉयड और एप्पल के आईओएस दोनों मंचों पर उपलब्ध है। टाइम्ससेवर्ज भारत की पहली मांग आधारित घर बैठे आपूर्ति सेवा है, जो सफाई से लेकर मरम्मत और सहायक तक की सेवाएं उपलब्ध कराती हैं और कागजी कार्रवाई करती है। टाइमसेवर्ज के कार्यकारी प्रमुख और सहसंस्थापक देवदत्त उपाध्याय ने बताया, “यह मेट्रो शहरों में सही मूल्य में सही समय पर सही मदद के लिए किए गए संघर्ष के व्यक्तिगत अनुभव का सम्मिश्रण है।” टाइम्ससेवर्ज मुंबई, पुणे और बेंग्लुरू में सेवाएं देता है। इसने बताया कि इसमें पृष्ठभूमि की जांच के बाद ही कोई एजेंट रखा जाता है। यह बाजार कीमतों पर यहां तक कि बाजार से कम कीमतों पर सेवाएं उपलब्ध कराता है।

अर्बनक्लैप्स दिल्ली में से शुरू हुई है, यह इंटीरियर सजावट, फोटोग्राफी, इवेंट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में बेहतर पेशवेर सेवाएं पाने में उपयोगकर्ताओं की मदद करती है। अक्टूबर 2014 में शुरू हुई अर्बनक्लैप्स के सह-संस्थापक वरण खेतान ने बताया, “एक गिटार शिक्षक, होम डिजाइनर, दर्जी और विवाह सजावट करने वाले और घर की खोज के दलाल की खोज की दर्दभरी यादों ने हमें यह एप शुरू करने को प्रेरित किया।”

तो अगली बार नए शहर में बसने से पहले इन एप को सब्सक्राइब करके आप बहुत सी मुश्किलों से बच सकते हैं।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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