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जंग का इस्तीफा मंजूर, आप ने बेहतर समन्वय की उम्मीद जताई

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नई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग का इस्तीफा मंजूर कर लिया और उनकी जगह अनिल बैजल को नया उपराज्यपाल नियुक्त किया। दिल्ली के पर्यटन व संस्कृति मंत्री कपिल मिश्रा ने दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में बैजल की नियुक्ति का स्वागत किया और कहा कि वह नए राज्यपाल से सहयोग को लेकर आशान्वित हैं।

मिश्रा ने कहा, “मैं उनकी (बैजल की) नियुक्ति का स्वागत करता हूं। मुझे उम्मीद है कि नए उपराज्यपाल सरकार की विकास की कई परियोजनाओं को मंजूरी देंगे, जो रुकी पड़ी है। उम्मीद है कि गतिरोध अब खत्म होगा।”

एक अधिकारी ने इससे पहले घोषणा की, “अनिल बैजल को दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का उपराज्यपाल नियुक्त करते हुए राष्ट्रपति को प्रसन्नता हुई है और उनका कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने के दिन से शुरू होगा।”

बयान के मुताबिक, “राष्ट्रपति ने दिल्ली के उपराज्यपाल पद से जंग का इस्तीफा मंजूर कर लिया।”

बीते 22 दिसंबर को एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में जंग के अचानक इस्तीफा देने के एक सप्ताह बाद बैजल की नियुक्ति सामने आई है।

बैजल की नियुक्ति का स्वागत करते हुए दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैजल अपने कामकाज में निष्पक्षता बरतेंगे और शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को जारी करेंगे, जिसमें अनियमितताओं के लिए केजरीवाल सरकार की कथित तौर पर आलोचना की गई है।

शुंगलू कमेटी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा की गई कथित धांधलियों की जांच की है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के बीते चार अगस्त के एक फैसले के बाद जंग ने आप सरकार की कथित धांधलियों की जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया था।

कमेटी की कमान नियंत्रक व महालेखा परीक्षक वी.के.शुंगलू के हाथ सौंपी गई थी, जिन्होंने 27 नवंबर को अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंप दी थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सचिव सरदार आर.पी.सिंह ने आईएएनएस से कहा, “हमें उम्मीद है कि एक वरिष्ठ नौकरशाह होने के नाते बैजल संवैधानिक दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे। पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग तथा आप सरकार के बीच रस्साकशी व्यक्तिगत नहीं है।”

सिंह ने कहा, “उन्होंने केवल संवैधानिक कदमों का पालन किया, जिसका दिल्ली सरकार ने विरोध किया।”

बैजल 1969 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएनएस) के अधिकारी हैं। इससे पहले वह विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की कार्यकारी परिषद में थे।

वह 2006 में केंद्रीय शहरी विकास सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए।

अपने 37 साल के कैरियर के दौरान वह केंद्रीय गृह सचिव, इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर रहे।

 

प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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