Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

दुर्घटनाओं के बाद एसयू-30 विमान खड़े नहीं किए जाएंगे : पर्रिकर

Published

on

नई दिल्ली,भारतीय वायुसेना,विमान दुर्घटना,एसयू-30 एमकेआई,चीफ मार्शल अरुप राहा

Loading

नई दिल्ली | भारतीय वायुसेना (आईएएफ) की हाल ही में हुई सुखोई विमान दुर्घटना के बाद सुखोई एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को खड़ा करने की कोई योजना नहीं है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह जानकारी दी है। पिछले छह सालों में इस श्रेणी के छह विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं।  एसयू-30 के बेड़े को अतीत में दुर्घटनाओं के बाद तीन बार खड़ा किया जा चुका है, लेकिन गुरुवार को असम में लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद इस बार ऐसा नहीं होगा। पर्रिकर ने आईएएनएस से कहा, “हम सुखोई के बेड़े को खड़ा नहीं कर रहे हैं। हम प्रत्येक दुर्घटना के बाद इसे खड़ा नहीं कर सकते।” रक्षा मंत्रालय ने सुखोई विमानों की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए अगले सप्ताह एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा, “अगले सप्ताह हमारी बैठक होगी और हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे।”

इस बैठक में आईएएफ प्रमुख, प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा अपने कुछ प्रमुख अधिकारियों के साथ इस बैठक में शामिल होंगे। आईएएफ ने 2002 में रूस द्वारा निर्मित सुखोई लड़ाकू विमान अपने बेड़े में शामिल किए थे और देश का पहला स्वदेशी सुखोई 30 एमकेआई 2004 में सेवा में शामिल हुआ था। पहला एसयू-30 एमकेआई विमान अप्रैल 2009 में राजस्थान के पोखरण क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसके बाद पूरे बेड़े को लगभग तीन सप्ताह के लिए खड़ा कर दिया गया था। तत्कालीन रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने इसके जवाब में बयान दिया था कि तार प्रणाली में गड़बड़ी की वजह से यह दुर्घटना हुई।

30 नवंबर, 2009 को राजस्थान में एक अन्य विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और सुखोई बेड़े को एक बार फिर खड़ा कर दिया गया। इसके बाद सुखोई का अगला विमान दिसंबर 2011 में पुणे के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इसके बाद फरवरी 2013 में पोखरण में सुखोई विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हालांकि, दुर्घटना के जांच के आदेश दे दिए गए, लेकिन इनका कोई निष्कर्ष नहीं निकला।

इसके बारे में पूछने पर पर्रिकर ने कहा, “प्रत्येक जांच का निष्कर्ष नहीं निकलता। यह जांच अधूरी रह गई।” रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2011 से 2014 के दौरान सुखोई लड़ाकू विमानों की देखरेख के लिए लगभग 2,264 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वर्तमान में भारत के पास 200 एसयू-30एमकेआई के 10 स्क्वोड्रन हैं और अगले कुछ वर्षो में कम से कम 70 और स्क्वोड्रन शामिल किए जाएंगे।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

Published

on

Loading

नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

Continue Reading

Trending